अपडेटेड 1 March 2025 at 15:46 IST

डोनाल्ड ट्रंप से बात बिगड़ी, रूस संग युद्ध में खतरा बढ़ा... अब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के पास क्या विकल्प?

Volodymyr Zelenskyy: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप या सीधे कहें कि अमेरिका से झगड़ा मोल लेकर वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपना पैर कुल्हाड़ी पर मार लिया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की | Image: AP

Ukrainian President Zelenskyy: जहां शांति और डील पर बात होनी थी, वहां हालात विवाद में बदल गए। इसमें कोई दोराय नहीं है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप या सीधे कहें कि अमेरिका से झगड़ा मोल लेकर वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपना पैर कुल्हाड़ी पर मार लिया है। जब जेलेंस्की का अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने खुद आगे आकर स्वागत और सम्मान किया, उस स्थिति में जेलेंस्की का तल्ख बहस करना यूक्रेन के भविष्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है।

अमेरिका में जब डोनाल्ड ट्रंप सरकार में वापस आए हैं, लगभग हर मुल्के के मुकाबले उनके लिए अपने हित सर्वोपरि दिखे हैं। हरेक देश के प्रति उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' जैसी नीति दिखी है और यहीं नहीं, कई मुल्कों के नेताओं को ट्रंप बाहें फैलाकर गले नहीं लगा रहे हैं, जिसे कुछ राष्ट्राध्यक्षों की अमेरिकी यात्रा के समय की तस्वीरों से समझा सकता है। खैर, उस तेवर के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप पिछले दिन जेलेंस्की को रिसीव करने गेट तक गए थे। हालांकि व्हाइट हाउस के अंदर का दुर्लभ दृश्य ना सिर्फ यूक्रेन के लिए अच्छा है, बल्कि वोलोदिमीर जेलेंस्की के हित में भी नहीं दिखता है।

अमेरिका से झगड़ा यूक्रेन के लिए सही नहीं!

इसे ऐसे समझ सकते हैं कि यूक्रेन लगभग 3 साल से रूस के साथ युद्ध के मैदान में खड़ा है। फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच जंग की शुरुआत हुई थी। तमाम एक्सपर्ट बताते हैं कि इस युद्ध में यूक्रेन बिना अमेरिकी मदद के रूस के खिलाफ हफ्तेभर भी टिक नहीं पाता। अमेरिका ने युद्ध के बीच यूक्रेन की सैन्य और आर्थिक दोनों तरीके से मदद की। अमेरिका और यूक्रेन 2014 के बाद से बेहद करीब आए हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने कई मौकों पर ये दावा किया है कि अमेरिका ने पिछले लगभग 3 साल में यूक्रेन को लेकर 300 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया है। 

चर्चाएं रहीं कि डोनाल्ड ट्रंप इस जंग को खत्म कराने और शांति की पहल कर रहे थे। रूसी राष्ट्रपति पुतिन से ट्रंप के बात करने की रिपोर्ट्स हों या यूक्रेन के खनिज पर अमेरिका की पहुंच बढ़ाने का प्रस्ताव आया हो, इसे शांति की दिशा में ही कदम बताया गया। हालांकि जेलेंस्की की डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस ने मिनरल डील को भी अटका दिया है और अमेरिका के साथ बेहतर रिश्तों में खटास का काम कर दिया है।

रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के लिए खतरा और बढ़ा!

जेलेंस्की की हालिया बहस ने ना सिर्फ अमेरिका के साथ कूटनीतिक रिश्तों की नींव हिलाई है, बल्कि रूस के साथ संघर्ष में खुद का बचाव करने की कीव की क्षमता को खतरे में डाल दिया है। कुल मिलाकर जेलेंस्की के सामने 'आगे कुआं पीछे खाई' जैसी परिस्थिति बन चुकी है। 

अब जेलेंस्की के पास क्या हैं विकल्प?

हालिया परिदृश्य में यही कहा जा सकता है कि जेलेंस्की अपने कार्यकाल के शायद सबसे निर्णायक पल का सामना कर रहे हैं। वो इसलिए कि जेलेंस्की के पास युद्ध का खात्मे और शांति होने तक अमेरिका के साथ बने रहने के सिवाय कोई विकल्प फिलहाल नहीं दिखता है। इसके लिए जेलेंस्की को अमेरिका से रिश्ते बनाए रखने होंगे और विवाद को भी किसी अविश्वनीय तरीके से खत्म करना होगा। दूसरे विकल्प अपने पद से इस्तीफा देकर दूसरे के हाथ सत्ता सौंपना भी हो सकता है, लेकिन इसमें खतरा भी कम नहीं है।

अगर जेलेंस्की यूक्रेन का राष्ट्रपति पद छोड़ते हैं तो इसमें रूस के खिलाफ मोर्चा खतरे में और पड़ सकता है। इसको भी समझना होगा कि जेलेंस्की का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है और वो बिना चुनाव के सिर्फ युद्ध में भूमिका के लिए यूक्रेन में राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं। वो इसलिए भी कि जंग के बीच यूक्रेन में राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया आसान नहीं रहेगी।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 1 March 2025 at 13:51 IST