अपडेटेड 9 April 2025 at 22:47 IST
डेनमार्क में मोहम्मद के कार्टून से दुनिया में रोष, बदले के लिए हेडली संग राणा ने रची साजिश...जब US में सुनाई गई 14 साल की सजा
राणा सिर्फ भारत में ही आतंकी हमलों को अंजाम देने की साजिशों में शामिल नहीं है बल्कि उसने हेडली के साथ मिलकर डेनमार्क में एक अखबार के दफ्तर पर हमले की साजिश रची।
Tahawwur Rana Extradition: 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर राणा भारत लाया जा रहा है। गुरुवार दोपहर 12 बजे तक राणा भारत आ जाएगा। भारत लाने के बाद उसे सबसे पहले NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसकी कस्टडी की मांग की जाएगी। राणा सिर्फ भारत में ही आतंकी हमलों को अंजाम देने की साजिशों में शामिल नहीं था बल्कि उसने डेविड हेडली के साथ मिलकर डेनमार्क में एक अखबार के दफ्तर पर हमले की साजिश रची थी।
साल 2005 में डेनिश अखबार जाइलैंड्स-पोस्टेन (Jyllands-Posten) में पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून बनाए थे, जिसमें मोहम्मद पैगम्बर को कई तरह के हास्य और व्यंग्यपूर्ण स्थितियों में दिखाया गया, जिसमें दाढ़ी वाले व्यक्ति को पगड़ी में बम के साथ दिखाया गया था। जिसके कारण दुनिया भर के कई मुस्लिम देशों में दंगे हुए और कई लोगों की मौत हुई साथ ही सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था। मोहम्मद पैगंबर पर कार्टूनों को लेकर लोगों में रोष था, उन्हीं लोगों में से एक सोमाली नागरिक ने मोहम्मद का कार्टून बनाने वाले डेनिश कार्टूनिस्ट पर हमला कर दिया, जिसके बाद उसे साल 2011 में डेनिश अदालत ने 9 साल की सजा सुनाई थी।
डेनमार्क में अखबार पर हमले की साजिश
- 2008-09 में हेडली ने डेनमार्क के Jyllands-Posten अखबार पर हमले की योजना बनाई।
- हेडली ने राणा की मदद से अखबार के ऑफिस में घुसने की योजना बनाई।
- राणा ने हेडली को First World का प्रतिनिधि बताकर फर्जी विजिटिंग कार्ड बनवाए।
- डेनमार्क के अखबार को विज्ञापन देने की बात कहकर अंदर जाने की तैयारी थी।
जांच एजेंसियों की भूमिका
- इस केस की जांच FBI की Chicago Joint Terrorism Task Force ने की।
- Los Angeles, New York, Washington D.C. की FBI टीमों ने सहयोग किया।
- Homeland Security Investigations और U.S. Customs and Border Protection ने भी मदद की।
डेनिश हमले में हेडली संग राणा की साजिश
तहव्वुर राणा सिर्फ भारत में ही आतंक फैलाने का दोषी नहीं है बल्कि डेनमार्क हमले की साजिश और लार्जर कांस्पीरेसी में अमेरिकी कोर्ट ने राणा और हेडली को 14 साल की सजा सुनाई थी। अपने ऑर्डर में कोर्ट ने राणा और हेडली की साजिश और उनके संबंधों को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने कई अहम जानकारियां शेयर की थी।
मुंबई हमले में राणा की भूमिका और कबूलनामा
- अक्टूबर 2009 में गिरफ्तारी के बाद राणा ने माना कि वह जानता था कि लश्कर-ए-तैयबा एक आतंकवादी संगठन है।
- राणा को यह भी पता था कि हेडली ने पाकिस्तान में लश्कर के ट्रेनिंग कैंप्स में ट्रेनिंग ली थी।
- हेडली की ट्रेनिंग और मुंबई हमलों की तैयारी की डिटेल
- 2002 से 2005 के बीच हेडली ने 5 बार लश्कर के ट्रेनिंग कैंप्स में हिस्सा लिया।
- 2005 में लश्कर ने हेडली को भारत भेजने का निर्देश दिया ताकि वह मुंबई में सर्वे कर सके।
- 2006 में हेडली ने मुंबई में Immigration Office खोलने का प्लान बनाया ताकि उसके सर्वे का कवर स्टोरी तैयार हो सके।
हेडली ने कैसे ली राणा की मदद?
- हेडली ने शिकागो जाकर राणा को अपने मिशन की जानकारी दी।
- राणा ने मुंबई में ‘First World Immigration Services’ का ऑफिस खोलने की अनुमति दी।
- राणा ने दस्तावेज और वीजा की व्यवस्था में भी मदद की।
मुंबई हमले से जुड़ी जानकारियां
- 26 से 28 नवंबर 2008 के बीच 10 लश्कर आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया।
- इन हमलों में 160 से ज्यादा लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।
- हेडली ने पहले से हमले वाले स्थानों की रेकी की थी।
क्या सबूत जुटाए गए?
- राणा और हेडली के बीच हुई रिकॉर्ड बातचीत पेश की गई।
- राणा ने मुंबई हमले के आतंकवादियों की तारीफ की और उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च पुरस्कार मिलना चाहिए।
- राणा ने हेडली के डेनमार्क मिशन के लिए पैसे भी उपलब्ध कराए।
तहव्वुर राणा पर क्या आरोप हैं?
राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में वांटेड है। मुंबई हमले की चार्जशीट के मुताबिक राणा हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था। वो ISI और लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर है। वो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है।
अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी 2024 को मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। अदालत ने इस मामले में उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी। गौरतलब है कि तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 9 April 2025 at 22:43 IST