अपडेटेड 29 May 2025 at 17:02 IST
Artificial Blood: मरीजों के लिए होगा चमत्कार... जापान बनाएगा आर्टिफिशियल ब्लड, शुरू किया क्लिनिकल परीक्षण
Artificial Blood: जापान दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो आर्टिफिशियल ब्लड बनाने जा रहा है। इसके लिए जापान ने टेस्टिंग की भी शुरुआत कर दी है।
जापान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कर रहा है। आए दिन किसी भी बीमारी के इलाज को और आसान बनाने के लिए जापान नए-नए तरीके इजात कर रहा है। हाल ही में खबर आई थी कि जापान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसी तरकीब निकाल रहा है कि मिनटों में ब्लड टेस्ट का रिपोर्ट मिलेगा। इसके लिए ना तो कोई सूई चुभाई जाएगी,ना ही रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। इन सबके बीच अब जापान आर्टिफिशियल ब्ल्ड बना रहा है। ट्रायल जल्द ही किया जाएगा।
पिछले साल, जापान ने यह घोषणा की थी कि आर्टिफिशियल ब्लड सेल का क्लीनिकल स्टडी शुरू करेगा। जापान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार इसका इस्तेमाल इमरजेंसी के समय में ट्रांसफ्यूजन के लिए किया जा सकता है। नारा मेडिकल यूनिवर्सिटी की तरफ से बीते साल यह जानकारी साझा की गई थी। जापान अब आर्टिफिशियल ब्लड सेल को विकसित करने की प्रक्रिया में है।
2030 तक आर्टिफिशियल ब्लड को उपयोग में लाने का लक्ष्य
जापान का लक्ष्य 2030 तक इन आर्टिफिशियल सेल को व्यावहारिक उपयोग में लाना है। यह दुनिया में पहली बार होगा। जापान में घटती आबादी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यहां बूढ़े लोगों की संख्या ज्यादा है, लेकिन नौजवान कम हैं। आंकड़ों की बात करें तो 2024 में, जापान में 65 साल या उससे अधिक आयु के 36.25 मिलियन लोग हैं, जो कुल जनसंख्या का 29.3% था। वहीं युवा आबादी कम है।
जापान को क्यों पड़ी आर्टिफिशियल ब्लड बनाने की जरूरत?
दरअसल, जापान में बूढ़ों की आबादी ज्यादा और जवानों की कम होने की वजह से यहां पर रक्त की आपूर्ति में कमी आई है। ऐसा इसलिए क्योंकि बूढ़े लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं। रेड क्रॉस सोसाइटी के अनुसार, 65 साल तक की आयु के लोग रक्तदान कर सकते हैं। हालांकि कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है, लेकिन अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करने के लिए आपका स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। 65 साल की उम्र में कितने लोग स्वस्थ्य हैं इसपर रक्तदान निर्भर करता है।
आर्टिफिशियल ब्ल्ड बनाने का एक कारण यह भी है कि पहले से दान किए गए ब्लड से मिलने वाले श्वेत रक्त कोशिकाओं को कम तापमान पर केवल एक महीने से भी कम समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। हालांकि, आर्टिफिशियल ब्लड को कमरे के तापमान पर दो साल तक संग्रहीत किया जा सकता है।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 29 May 2025 at 16:51 IST