अपडेटेड 21 November 2025 at 20:09 IST
VIRAL VIDEO: ट्रेन में इलेक्ट्रिक केतली में मजे-मजे मैगी बनाकर बुरा फंसी आंटी, वायरल होते ही एक्शन में आ गया रेलवे, अब होगी कार्रवाई
एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच में महिला ने इलेक्ट्रिक केतली से मैगी बनाई, इसका वीडियो वायरल भी हो रहा है। जिससे सुरक्षा और नियमों पर बहस छिड़ गई है। रेलवे ने भी ये वीडियो शेयर की है।
Indian Railways: सोशल मीडिया पर एक क्लिप तेजी से वायरल हो रही है। इसमें एक महिला एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच में इलेक्ट्रिक केतली लगाकर मैगी तैयार करती दिख रही है। महिला वीडियो बना रहे लोगों को हंसते हुए कहती है कि, 'किचन कहीं भी और हर जगह है' और आगे जोड़ती है कि 'छुट्टी की ट्रिप पर भी छुट्टी नहीं मिलती।' महिला बताती है कि वह एक ही पावर सॉकेट से 'कम से कम 15 लोगों' के लिए चाय बनाने की योजना बना रही है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि, ट्रेन की सीट पर चार्जिंग पॉइंट से केतली चार्ज हो रही है और केतली की फुफकार भी साफ तौर पर देखी जा सकती है। वीडियो को देख सोशल मीडिया पर लोग अलग अलग कमेंट्स कर रहे हैं कई लोगों ने इसे 'अनसिविल बिहेवियर' बताया तो, कुछ लोगों ने 'डेसि स्टाइल' के रूप में आइडिया की सराहना की। हाई‑वोल्टेज टूल सर्किट को ओवरलोड कर सकते हैं, जिससे शॉर्ट‑सर्किट और आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। ट्रेन जैसी तेज गति वाली जगह पर यह जान लेवा भी हो सकता है। कई सालों में कई घटनाएं सामने आई हैं जहां इमरजेंसी चार्जर से केतली चलाने की कोशिश में आग लगी।
सेंट्रल रेलवे ने वीडियो को किया पोस्ट
सेंट्रल रेलवे ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- 'ट्रेन में इलेक्ट्रिक केतली का इस्तेमाल असुरक्षित, अवैध और दंडनीय अपराध है।' सेंट्रल रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया कि वे पेंट्री कार या आधिकारिक ई‑केटरिंग सेवाओं का इस्तेमाल न करें।
ट्रेन में इलेक्ट्रिक केतली इस्तेमाल करना दंडनीय अपराध
भारतीय रेलवे के मुताबिक, ट्रेन के कोच में इलेक्ट्रिक केतली या किसी भी हाई‑पावर उपकरण का इस्तेमाल सख्त मना है। चार्जिंग पॉइंट सिर्फ लो‑पावर डिवाइस जैसे मोबाइल और लैपटॉप के लिए डिजाइन किए गए हैं। नियम उल्लंघन पर 500 से 1,000 रुपये तक का जुर्माना और गंभीर मामलों में चालान जारी किया जा सकता है।
पब्लिक स्पेस को प्राइवेट समझने की बीमारी- यूजर
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा- 'यह एक बड़ा सेफ्टी खतरा है और इससे सभी यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।' एक ने कहा- 'पब्लिक स्पेस को प्राइवेट समझने की बीमारी है।' इस तरह के रिएक्शन सार्वजनिक स्थानों में उचित व्यवहार की जरूरत को उजागर करते हैं।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 21 November 2025 at 20:09 IST