अपडेटेड 24 May 2025 at 15:56 IST
भारत के सामने 8 घंटे भी नहीं टिक पाया PAK का मिशन 'बुनियान अल-मरसूश', JF 17 ने टेक दिए घुटने; ऑपरेशन सिंदूर की Inside Story
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक एक सशक्त सैन्य कार्रवाई शुरू की। यह ऑपरेशन सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं था, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की निर्णायक और आक्रामक नीति का प्रतीक था।
Operation Sindoor Inside Story: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तानी आतंकी कैंपों में घुसकर जो तांडव मचाया उससे पाकिस्तान महज 4 दिनों में ही अपनी औकात में आ गया। भारतीय मिसाइलों के हमलों ने पाकिस्तान की ऐसी दुर्गति कर डाली कि उसा ‘ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूश’ महज 8 घंटों में ही ढह गया। इसके बाद पाकिस्तान ने दुनिया से अपनी बर्बादी को छिपाने अब दुनिया से अनने बर्बादी छिपाने के लिए पाकिस्तान ने राफेल राग शुरू किया। पाकिस्तानी सरकार के मंत्री से लेकर पाकिस्तानी सेना के जनरल तक सभी एक सुर में राफेल को लेकर रोना शुरू कर दिए, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असल में क्या हुआ हम आपको इस स्टोरी में बताते हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक एक सशक्त सैन्य कार्रवाई शुरू की। यह ऑपरेशन सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं था, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की निर्णायक और आक्रामक नीति का प्रतीक था। ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने अत्याधुनिक मिसाइलों और गुप्त खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त हमला बोला। भारतीय मिसाइलें दुश्मन के ठिकानों में घुस गईं और आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस सुनियोजित हमले ने पाकिस्तान को चार दिनों के भीतर ही उसकी औकात का एहसास करा दिया। वहां की सेना ने 'ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूश' नाम से जवाबी रणनीति अपनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय कार्रवाई की तीव्रता के आगे यह अभियान महज आठ घंटे में ही ध्वस्त हो गया।
सूर्योदय की पहली किरण के साथ ही पाकिस्तान में विध्वंसक नजारा
भोर की पहली किरण के साथ ही आसमान में गरजते राफेल और सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान की हवाई सीमाओं में प्रवेश किया। यह था भारतीय वायुसेना का सुनियोजित और अत्यंत गोपनीय मिशन 'ऑपरेशन सिंदूर'। IAF के विमानों ने सबसे पहले निशाना बनाया चकला के नूर खान एयरबेस को, जहां स्कैल्प और ब्रह्मोस मिसाइलों की बौछार ने पाकिस्तान की उत्तरी हवाई कमान को चंद पलों में तहस-नहस कर दिया। बर्बादी इतनी तीव्र थी कि जवाबी कार्रवाई का अवसर ही नहीं मिला। जैसे ही सूरज पूरी तरह निकला, भारतीय वायुसेना ने अपने अगला कदम उठाया जैकबाबाद और भोलारी एयरबेस पर विध्वंसक हमले। पाकिस्तान की अत्याधुनिक मानी जाने वाली वायु रक्षा प्रणाली देखते ही देखते निष्क्रिय हो गई। रडार चुप थे, कम्युनिकेशन ठप, और हवाई बेड़ा जमीन पर जला हुआ पड़ा था।
पाक के 'ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूश' को एस-400 ने पल भर में धूल में मिलाया
भारतीय हमलों से हतप्रभ पाकिस्तान ने रात एक बजे अपने प्रतिशोधी अभियान 'ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूश' की शुरुआत की। उनकी धमकी साफ थी अगले 48 घंटों में भारत के प्रमुख एयरबेस मलबे में बदल दिए जाएंगे। यह एक सीधी चेतावनी थी, लेकिन भारत पहले ही तैयार था। जैसे ही पाकिस्तान ने अपने हमले का पहला चरण शुरू किया, आदमपुर एयरबेस पर तैनात S-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम ने जवाब देने में एक पल की भी देरी नहीं की। पाकिस्तान का सबसे आधुनिक निगरानी विमान SAAB-2000 AEW&C, जो 315 किलोमीटर दूर से भारतीय एयरस्पेस की टोह लेने आया था, हवा में ही मार गिराया गया। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई और भी आक्रामक हो गई। सटीक मिसाइल स्ट्राइक्स में पाकिस्तान के एक C-130J ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एक जेएफ-17, और दो एफ-16 फाइटर जेट्स को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।
भारतीय मिसाइलों ने दुश्मन को संभलने का मौका भी नहीं दिया
इस हमले ने न सिर्फ पाकिस्तान की हवाई ताकत को झटका दिया, बल्कि उसके मनोबल को भी चकनाचूर कर दिया। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था किसी भी हमले का जवाब कई गुना ताकत से दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन की तीव्रता और भारतीय हमलों की सटीकता से घबराए पाकिस्तान को दोपहर तक अमेरिका से युद्धविराम की गुहार लगानी पड़ी। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी यह भारत की वायुशक्ति और रणनीतिक सोच का ऐतिहासिक प्रदर्शन था। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान के मुरिदके और बहावलपुर के 9 आतंकी ठिकानों को ढेर कर दिया था। भारत के स्कैल्प और ब्रम्होस मिसाइलों ने दुश्मन को संभलने का मौका भी नहीं दिया था।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 24 May 2025 at 15:56 IST