अपडेटेड 23 February 2023 at 13:38 IST

लोग कहते थे- ‘नाक कटा देगी, रसोई संभालो’, Air Hostess बन गांव की लड़की ने दिया जवाब

Inspirational Story: आज हम आपको Mamta Choudhary के बारे में बताएंगे जिन्होंने गांव से निकलकर अपने सपने पूरे किए।

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| Image: self

Inspirational Story: जहां दुनियाभर में आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, वहीं कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां लड़कियों की पूरी जिंदगी चार-दीवारी में ही गुजर जाती है। ऐसा ही हाल राजस्थान के एक छोटे से गांव का है। हालांकि, यहां दीवारों को लांघकर एक लड़की विदेश पहुंच गई है। जी हां, जिस परिवार में महिलाओं से केवल घर और रसोई संभालने की उम्मीद की जाती थी, उस माहौल से निकलकर एक लड़की अबू धाबी में नौकरी करने लगी है।

हम बात कर रहे हैं ममता चौधरी (Mamta Choudhary) की जो इस समय कैबिन क्रू के रूप में काम कर रही हैं। उनकी कहानी लोगों को खूब प्रेरित कर रही है। उन्होंने एक सपना देखा था आसमान में उड़ने का, उनकी इस उड़ान में कई रुकावटें आईं लेकिन वह सभी बंदिशों को तोड़ते हुए काफी ऊपर पहुंच गई हैं। 

लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं ममता चौधरी

ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे ने ममता की कहानी साझा की है जो एक्टर रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) के एक किरदार से काफी प्रभावित हुईं। उनके लिए परिवार के सख्त माहौल से निकलना आसान नहीं था। उनका परिवार चाहता था कि स्कूल के बाद उनकी शादी करा दी जाए लेकिन जब उन्होंने शहर जाने की जिद की तो उनके पिता ने उनसे सारे रिश्ते-नाते तोड़ दिए।

हालांकि, दिल्ली जाकर भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुईं। उन्हें अक्सर इंग्लिश न आने और उनके पहनावे को लेकर जज किया जाता। वह लगातार इंटरव्यू में रिजेक्ट होती रहीं लेकिन YouTube और कुछ दोस्तों की मदद से उन्होंने खुद को बेहतर बनाया। फिर 2018 में उन्हें कैबिन क्रू की नौकरी मिल गई। जब उन्होंने ये बताने के लिए घर फोन किया तो किसी ने कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं दिया। जैसी ये खबर उनके गांव में फैली तो सब कहने लगे- ‘नाक कटा देगी’। उनके परिवार ने भी उनसे ताल्लुक तोड़ दिया। 

फिर पासपोर्ट न होने की वजह से उनकी नौकरी चली गई। कई दिन उन्हें बिना कुछ खाए-पिए गुजारने पड़े। फिर 2019 में उन्होंने हिम्मत करके घर फोन मिलाया और अपनी मां से कहा- ‘मैं अकेले मर जाऊंगी और आपको पता भी नहीं चलेगा’। उनकी मां ने उन्हें घर बुलाया और वह चली गईं। वहां उनके घरवालों ने आखिरकार उनके सपनों को समझना शुरू कर दिया और उनके पिता बोले- 'तू कर जो करना है।'

फिर परिवार का आशीर्वाद लेकर ममता वापस दिल्ली आईं और मॉडलिंग करने लगीं। उन्होंने केबिन क्रू के रूप में अपनी पहली घरेलू उड़ान भरी। 2022 में उन्हें अबू धाबी में केबिन क्रू के रूप में दूसरी नौकरी मिली और वह अपने गांव से विदेश में काम करने वाली पहली महिला बन गईं। उनके माता-पिता बेहद खुश थे। अबतक वह 23 देशों की यात्रा कर चुकी हैं। उन्होंने अपने पिता के लिए एक कार भी खरीदी है।

ममता चौधरी की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो बेड़ियों को तोड़कर आगे बढ़ना चाहती हैं। उन्हें स्कूलों और कॉलेज में भी लेक्चर के लिए बुलाया जाता है। ममता ने कहा कि जब लड़कियां उन्हें अपना रोल मॉडल कहती हैं तो उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 23 February 2023 at 13:32 IST