अपडेटेड 8 July 2025 at 16:51 IST

VIRAL: रिज्यूमे भेज-भेज कर थक गया था युवक... फिर CV में किया ऐसा 'खेला', देखकर आप भी रह जाएंगे दंग, आने लगे जॉब के लिए ऑफर ही ऑफर

एक युवक ने मजाकिया रिज्यूमे बनाकर भड़ास निकालने की कोशिश की लेकन, उसी से मिलने लगे इंटरव्यू कॉल्स। जानिए पूरी कहानी।

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मजाकिया रिज्यूमे से मिलने लगे इंटरव्यू कॉल्स | Image: Freepik

Funny CV Viral News: नौकरी की तलाश में बार-बार रिजेक्शन झेल रहे एक युवक ने गुस्से में आकर कुछ ऐसा किया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। इस घटना ने यह दिखा दिया कि कभी-कभी पारंपरिक रास्तों से हटकर सोचने से चौंकाने वाले नतीजे मिल सकते हैं। 

यह कहानी एक वायरल हो रहे रिज्यूमे की है, जहां एक यूजर ने शेयर किया कि उन्हें बार-बार कंपनियों से वही घिसे-पिटे जवाब मिलते थे कि 'आप इस रोल के लिए फिट नहीं हैं' या फिर कोई जवाब ही नहीं देता था। आखिरकार, थक-हारकर उन्होंने एक पैरोडी रिज्यूमे (Funny CV) तैयार किया। इसमें उन्होंने जानबूझकर अजीब बातें लिखीं, जैसे- 30 साल की उम्र में 32 साल का अनुभव, टेलीपैथिक डिबगिंग में महारत, MIT, हॉगवर्ट्स और Coursera से PhD, बिना कॉफी और ऑक्सीजन के काम करने की क्षमता। गूगल, एक्स और मेटा AI डिपार्टमेंट में फर्जी जॉब अनुभव। 

फर्जी CV असली रिक्रूटर्स तक पहुंचा

इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी लिखा कि पिछली कंपनी ने उन्हें निकालकर उनकी जगह 30 इंजीनियर रख लिए, क्योंकि उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकती थी।युवक ने यह रिज्यूमे बस गुस्सा निकालने और खुद को हल्का करने के लिए तैयार किया था। उनका इरादा था कि कंपनियों को स्पैम करके अपना टाइमपास करना। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कुछ ही दिनों में उनका यह फर्जी बायोडाटा असली रिक्रूटर्स तक पहुंच गया। आश्चर्य की बात यह रही कि वही कंपनियां, जिन्होंने पहले उन्हें रिजेक्ट किया था, अब इंटरव्यू के लिए बुलाने लगीं। कई रिक्रूटर्स ने तो उनके इस क्रिएटिव अप्रोच की जमकर तारीफ भी की।

PC : @reddit.com

Reddit पर लोगों के रिएक्शन मजेदार 

Reddit पोस्ट पर लोगों ने इसे भर्ती सिस्टम की विफलता बताया। एक यूजर ने कहा- 'आजकल सिर्फ कीवर्ड देखकर रिज्यूमे शॉर्टलिस्ट हो जाते हैं, असली स्किल देखी ही नहीं जाती।' दूसरे यूजर ने लिखा- ‘इंटरव्यू में सच बताना जरूरी है, ताकि लोग समझें कि यह ध्यान खींचने का एक तरीका था।’

क्या सिखाता है यह किस्सा?

यह घटना इस बात को उजागर करती है कि आज के दौर में रिक्रूटमेंट प्रक्रिया में मानवीयता और बारीकी से मूल्यांकन की कितनी कमी है। मशीन लर्निंग आधारित ATS (Applicant Tracking System) कई बार रिज्यूमे के कीवर्ड्स ही देखता है, असली योग्यता नहीं। यह कहानी हर जॉब हंटर को यह सिखाती है कि कभी-कभी क्रिएटिव अप्रोच अपनाने से भी मौके बन सकते हैं। हालांकि, सच को छुपाना या धोखा देना सही नहीं है, लेकिन नए और अलग ढंग से सोचना कभी-कभी दरवाजे खोल देता है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 8 July 2025 at 16:51 IST