अपडेटेड 22 December 2025 at 19:12 IST

Sachkhand Express: देश की एकलौती ट्रेन जो यात्रियों को फ्री में खिलाती है खाना, नाश्ता-डिनर सब फ्री; जानिए रूट और कहां-कहां स्टॉपेज

देश में एकलौटी ट्रेन चलती है जो यात्रियों को फ्री में खाना खिलाती है। अमृतसर से महाराष्ट्र के नांदेड़ जने वाली ये ट्रेन 2000 किलोमीटर का सफर पूरा करती है। इस दौरान 6 स्टेशन पर लंगर लगता है।

Follow :  
×

Share


एकलौटी ट्रेन जो यात्रियों को फ्री में खाना खिलाती है | Image: AI

Free Food Train: अक्सर जब कहीं लंबे ट्रेन सफर पर निकलते हैं तो रास्ते में खाने को लेकर परेशान रहते हैं कि कहां क्या खाएंगे। ऐसे में अगर स्टेशन पर फ्री में खाना मिल जाए तो, जिनका पेट भरेगा, उनका मन कितना खुश हो उठेगा इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। देश में एक ट्रेन ऐसी भी चलती है जिसमें यात्रियों को फ्री खाना यानी लंगर मिलता है। यह सेवा सिख समुदाय के लोग ही चलाते हैं।  

इस ट्रेन में बिना भेदभाव के खाना दिया जाता है। चाहे गरीब हो या अमीर, सबको खाने में कढ़ी-चावल या खिचड़ी परोसी जाती है। ट्रेन के रूट में पड़ने वाले 6 स्टेशनों पर यात्रियों के लिए ताजा खाना तैयार किया जाता है। 

अमृतसर से नांदेड़ तक चलती है ट्रेन 

हम बात कर रहे हैं सचखंड एक्सप्रेस की, जो देश की इकलौती ट्रेन है जो यात्रियों को फ्री खाना देती है। यह ट्रेन अमृतसर से नांदेड़ तक चलती है, जिसमें उत्तर प्रदेश के कई स्टेशनों पर रुकती है। सचखंड एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 12715 है, जो पंजाब के अमृतसर से महाराष्ट्र के नांदेड़ तक करीब 2000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करती है। यह ट्रेन कुल 39 स्टेशनों पर रुकती है, जिनमें से 6 स्टेशनों पर यात्रियों के लिए लंगर लगता है। 

फ्री खाना कैसे मिलता है?

सिख धर्म में लंगर सेवा दी जाती है, जिसमें ट्रेन में बिना भेदभाव के खाना दिया जाता है। इस लंगर सेवा को सिख समुदाय के लोग ही चलाते हैं। वे दान, अनाज और सेवा के जरिए इस लंगर को चलाते हैं। यात्री भी इस सेवा के भाव में शामिल होकर अपना योगदान देते हैं।

UP के कौन से स्टेशनों पर रुकती है ये ट्रेन?

उत्तर प्रदेश के तीन रेलवे स्टेशनों पर इस ट्रेन का स्टॉपेज है, जिनमें आगरा, झांसी, मथुरा और ललितपुर रेलवे स्टेशन शामिल हैं। सचखंड एक्सप्रेस एक अनोखी ट्रेन है जो यात्रियों को फ्री खाना देती है। 

सिख भाई देते हैं लंगर सेवा

सिख धर्म में लंगर सेवा दी जाती है, ज्यादातर यह गुरुद्वारे में एक सामुदायिक रसोई होती है, जहां बिना किसी भेदभाव (जाति, धर्म, लिंग) के सभी लोगों को मुफ्त, पौष्टिक शाकाहारी भोजन परोसा जाता है, जो समानता, सेवा और भाईचारे के सिद्धांतों पर आधारित है। यह गुरु नानक देव जी द्वारा शुरू की गई एक प्रथा है, जिसमें हर कोई जमीन पर एक साथ बैठकर भोजन करता है और सेवादार (स्वयंसेवक) भोजन बनाते और परोसते हैं, जिससे एकता और निस्वार्थ सेवा का संदेश फैलता है।  

यह भी पढ़ें: 'अरोपी हमला करेंगे तो पुलिस भजन करेगी क्या',एनकाउंटर पर बोले हर्ष सिंघवी

Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 22 December 2025 at 19:12 IST