अपडेटेड 22 December 2025 at 11:02 IST

बांग्लादेश कब वापस जाएंगी पूर्व PM शेख हसीना, क्यों छोड़ा था देश? साफ-साफ खुद ही बताया सबकुछ, इस बात के लिए भारत को कहा थैंक्यू

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रत्यर्पण की मांगों पर बात करते हुए कहा, ICT प्रक्रिया को वैसा ही चल रही है जैसी वह थी। उन्होंने भारत की एकजुटता और मेहमाननवाजी के लिए आभार जताया है।

Follow :  
×

Share


Former PM Sheikh Hasina | Image: X/Republic

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से पूर्व पीएम शेख हसीना देश छोड़ दिया है।उनकी देश वापसी के लिए अंतरिम सरकार लगातार दवाब बना रही है। बीते दिनों भ्रष्टाचार के 3 मामलों में उन्हें 21 साल जेल की सजा भी सुनाई गई है। अब सवाल उठा रहा है कि क्या शेख हसीना कभी बांग्लादेश वापस लौटेंगी? इस सवाल का जवाब उन्होंने अपने ताजा इंटरव्यू में दिया है।  

न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक ईमेल इंटरव्यू में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रत्यर्पण की मांगों पर बात करते हुए कहा, "आप जिन बढ़ती मांगों का जिक्र कर रहे हैं, वे सिर्फ एक ज्यादा से ज्यादा निराश और भटकी हुई यूनुस सरकार की तरफ से आ रही हैं। बाकी सभी लोग ICT प्रक्रिया को वैसा ही देख रहे हैं जैसी वह थी, यानी एक राजनीतिक मकसद वाला कंगारू ट्रिब्यूनल। मैं भारत की तरफ से मेरे प्रति दिखाई जा रही एकजुटता और मेहमाननवाजी के लिए खुश और आभारी हूं और हाल ही में भारत की सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा इस रुख का समर्थन करने के लिए भी।"

बांग्लादेश लौटने के सवाल पर क्या बोलीं शेख हसीना?

बांग्लादेश लौटने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मैंने और खून-खराबा रोकने के लिए बांग्लादेश छोड़ा था, न्याय का सामना करने के डर से नहीं। आप मेरे राजनीतिक हत्या का सामना करने के लिए मेरी वापसी की मांग नहीं कर सकते। मैंने यूनुस को हेग में अपने आरोप ले जाने की चुनौती दी है, क्योंकि मुझे भरोसा है कि एक स्वतंत्र अदालत मुझे बरी कर देगी। जब बांग्लादेश में एक वैध सरकार और एक स्वतंत्र न्यायपालिका होगी, तो मैं खुशी-खुशी उस देश में लौट आऊंगी जिसकी मैंने पूरी ज़िंदगी सेवा की है।"

बांग्लादेश में चुनाव नहीं बल्कि राज्याभिषेक होगा-शेख हसीना

वहीं, फरवरी में बांग्लादेश में होने वाले आम चुनाव पर शेख हसीना ने कहा, अवामी लीग के बिना चुनाव, चुनाव नहीं बल्कि राज्याभिषेक होगा। यूनुस बांग्लादेश के लोगों के एक भी वोट के बिना शासन करते हैं और अब वे उस पार्टी पर बैन लगाना चाहते हैं, जिसे लोगों ने 9 बार चुना है। ऐतिहासिक रूप से, जब बांग्लादेशी अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट नहीं दे पाते, तो वे बिल्कुल भी वोट नहीं देते।

शेख हसीना ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि "अगर अवामी लीग पर यह बैन जारी रहता है, तो लाखों लोग प्रभावी रूप से वोट देने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। ऐसे किसी भी चुनाव से बनने वाली सरकार में शासन करने का नैतिक अधिकार नहीं होगा। यह एक बहुत बड़ा मौका गंवाने जैसा होगा, ऐसे समय में जब बांग्लादेश को सच में राष्ट्रीय सुलह की प्रक्रिया की सख्त जरूरत है।"

यह भी पढ़ें: भारत-बांग्लादेश के बीच खराब होते रिश्‍ते की पीछे किसका हाथ?

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 22 December 2025 at 11:02 IST