अपडेटेड 13 March 2025 at 23:36 IST
Blood Rain Video: ईरान में रहस्यमयी घटना, समंदर किनारे हुई खूनी बारिश; वजह जान हैरान रह जाएंगे आप
में समुद्र तट पर एक रहस्यमयी घटना देखने को मिली, जहां पानी और रेत अचानक खून की तरह लाल हो गए।
Mysterious Blood Rain: ईरान में समुद्र तट पर एक रहस्यमयी घटना देखने को मिली, जहां पानी और रेत अचानक खून की तरह लाल हो गए। इस विचित्र दृश्य ने स्थानीय लोगों और वैज्ञानिकों को हैरत में डाल दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह 'ब्लड रेन' (Blood Rain) नामक दुर्लभ प्राकृतिक घटना का नतीजा है। वहीं, सोशल मीडिया पर इस रहस्यमयी नजारे की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। आखिर क्या है इस लाल समंदर के पीछे की असली वजह? जानिए पूरी खबर।
इस रहस्यमयी घटना के बाद स्थानीय लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोगों ने इसे अपशकुन बताया, तो कुछ ने इसे प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्भुत उदाहरण माना। वहीं, वैज्ञानिकों ने इसे एक सामान्य लेकिन दुर्लभ मौसम संबंधी घटना बताया, जिसका अध्ययन किया जा रहा है।
क्या है ब्लड रेन के पीछे का सच
ब्लड रेन एक दुर्लभ प्राकृतिक घटना है, जिसमें बारिश की बूंदों का रंग लाल, गुलाबी या भूरा नजर आता है। यह तब होता है जब हवा में मौजूद लाल रंग के सूक्ष्म कण या धूलकण बारिश की बूंदों के साथ मिल जाते हैं। इससे ऐसा लगता है मानो आसमान से खून की बूंदें बरस रही हों।
लाला मिट्टी वाला बीच ईरान के होर्मुज जलसंधि के पास रैनबो द्वीप में है। यहां आबादी काफी कम है इसलिए यहां बाहरी लोगों का आना-जाना भी बेहद कम है। यह इलाका ईरान की मुख्य भूमि से दूर है ऐसे में पर्यटकों का यहां आना ज्यादा नहीं है। इसलिए इस जगह के बारे में बहुत कम लोगों को ही पात है कि यहां की मिट्टी लाल रंग की है।
चमकीले लाल रंग में बदल जाती है धरती
इस लाल रंग के समुद्री बीच के ऊपर जारी की गई एक विदेशी रिपोर्ट की माने तो, ईरानी पर्यटन बोर्ड का इसको लेकर कहान है कि यहां कि मिट्टी में आयरन ऑक्साइड की अधिकता इसी वजह में जब इस पर पानी गिरता है तो यह एकदम चमकीले लाल रंग में बदल जाती है। ईरान की स्थानीय खबरों के मुताबिक, ईरानी पर्यटन बोर्ड ने इस जगह की तारीफ करते हुए कहा कि आयरन की वजह से यहां की मिट्टी की खूबसूरती देखने लायक है। यहां पर चलते हुए आप सूर्यास्त और सूर्योदय के समय का मंत्रमुग्ध करने वाला आनंद ले सकते हैं।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 13 March 2025 at 23:36 IST