अपडेटेड 28 August 2025 at 20:12 IST
Murliwale Hausla: कुएं में गिर गए 2 खूंखार जानवर, फिर 'सांपों के मसीहा' मुरली की हुई एंट्री, 5 घंटे रेस्क्यू के बाद क्या हुआ? VIDEO
उत्तर प्रदेश के गांव में उस वक्त हलचल मच गई, जब सुबह-सुबह एक खेत के पुराने कुएं से अजीबोगरीब आवाजें आने लगीं। गांव वालों ने पहले तो इसे नॉर्मल जानवरों की आवाज समझा, लेकिन जब कुछ लोग पास गए, तो उनके होश उड़ गए। कुएं में दो खूंखार जानवर फंसे हुए थे, जो भूख और डर से गुर्रा रहे थे। वीडियो भी सामने आया है।
Animal Rescue Video Viral: यह घटना उत्तर प्रदेश के बागपत के एक छोटे से गांव की है। स्थानीय किसान अपने खेत में पानी देने गया था, तभी उसे कुएं से गुर्राहट और चीखने की आवाजें सुनाई दी। किसान ने बताया कि, "पहले तो मुझे लगा कोई कुत्ता या सियार होगा, लेकिन जब मैंने टॉर्च जलाकर देखा, तो दो लकड़बग्घे की चमकती आंखें दिखीं। मैं डर के मारे भागा और गांव वालों को बताया।"
गांव में खबर फैलते ही भीड़ जमा हो गई। कुछ लोग डर रहे थे, तो कुछ उत्सुकता में कुएं के पास जाकर तस्वीरें और वीडियो बनाने लगे। लकड़बग्घे, जो आमतौर पर जंगलों या सुनसान इलाकों में पाए जाते हैं, इस गांव के पास कैसे पहुंचे, यह सबके लिए रहस्य था।
चुनौती भरा रेस्क्यू ऑपरेशन...
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को तुरंत सूचना दी गई। वन विभाग की टीम, जिसमें वन्यजीव विशेषज्ञ और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी शामिल थे, दोपहर तक मौके पर पहुंचे। लेकिन चुनौती आसान नहीं थी। कुआं करीब 30 फीट गहरा था और दोनों लकड़बग्घे डर और भूख के कारण आक्रामक हो रहे थे। वन विभाग के अधिकारी विकास शर्मा ने बताया कि, लकड़बग्घों को बचाना आसान नहीं था। हमें यह सुनिश्चित करना था कि ना तो जानवरों को चोट पहुंचे और ना ही हमारी टीम को खतरा हो। हमने रस्सियों, जाल और एक विशेष क्रेन का इस्तेमाल किया।
रेस्क्यू का रोमांचक दृश्य अभी बाकी...
वीडियो में दिखता है कि वन विभाग की टीम ने पहले कुएं में एक मजबूत जाल डाला, जिसे हाइना के चारों ओर लपेटने की कोशिश की गई। पहला लकड़बग्घा तो आसानी से जाल में फंस गया, लेकिन दूसरा हाइना बार-बार गुर्राता और जाल को काटने की कोशिश करता। भीड़ सांस थामे यह नजारा देख रही थी। लगभग 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद, दोनों लकड़बग्घों को एक-एक करके जाल में फंसा कर क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। बाहर निकलते ही उन्हें तुरंत पिंजरे में डाला गया, ताकि वे आसपास के लोगों पर हमला न करें। वीडियो में स्थानीय लोगों की तालियां और उत्साह भरी आवाजें साफ सुनाई देती हैं, जब दूसरा हाइना सुरक्षित बाहर निकाला गया।
मुरलीवाले हौसला ने करवाया रेस्क्यू
दरअसल, ये रेस्क्यू मुरलीवाले हौसला ने करवाया, हजारों सांपों की जान बचाने वाले 'सांपों के मसीहा' मुरलीवाले हौसला (Murliwale Hausla) जो एक सर्पमित्र हैं जिन्हें सांपों की जान बचाने के लिए जाना जाता है। वो साहस और सेवा की एक मिसाल हैं। मुरलीवाले गांवों और शहरों में से सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें जंगलों में छोड़ देते हैं। अब तक मुरलीवाले हौसला ने 8000 से भी ज्यादा सांपों की जान बचाई है।
उन्होंने ये पूरा वीडियो शूट किया है आप भी ये वीडियो देख सकते हैं:
लकड़बग्घे यहां कैसे पहुंचे?
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि ये हाइना पास के जंगल से भटककर गांव में आ गए होंगे। बागपत के आसपास के इलाकों में छोटे-मोटे जंगल और खेत हैं, जहां हाइना कभी-कभी भोजन की तलाश में आ जाते हैं। संभव है कि रात में खेतों में घूमते हुए ये कुएं में गिर गए। हाल के दिनों में उत्तर भारत में जंगली जानवरों का इंसानी बस्तियों में आना बढ़ा है, जिसके पीछे जंगलों का कम होना और भोजन की कमी को कारण बताया जा रहा है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग वन विभाग की तारीफ कर रहे हैं, जिन्होंने इतनी सूझबूझ और हिम्मत से इस रेस्क्यू को अंजाम दिया। इस घटना ने एक बार फिर इंसान और जंगली जानवरों के बीच बढ़ते टकराव को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें जंगलों को बचाने और वन्यजीवों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर बनाने की जरूरत है। साथ ही, पुराने कुओं को ढकने और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाएं कम हों।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 28 August 2025 at 19:57 IST