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'नहीं हुआ कोई सेक्सुअल हैरेसमेंट'; कुश्ती संघ के चीफ ने यौन उत्पीड़न के आरोप को सीधी तौर पर नकारा
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर देश के स्टार पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद कुश्ती संघ प्रमुख ने अपनी पहली प्रतिक्रिया जारी की है। कुश्ती संघ के चीफ ने अपने ऊपर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप को नकार दिया है।
मीडिया से बात करते हुए बृजभूषण सिंह ने खुद को पीड़ित बताया और विनेश फोगाट की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप को सीधे तौर पर नकार दिया। कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, "सबसे बड़ा आरोप विनेश ने लगाया है। क्या सामने कोई है जो कह दे कि फेडरेशन ने कभी किसी खिलाड़ी का शोषण किया है। सामने तो होना चाहिए कोई जो ये कह सके कि हां बृजभूषण ने किसी खिलाड़ी का यौन शोषण किया है। मैं ये पूछना चाहता हूं कि अगर फेडरेशन से इतनी दिक्कत थी तो बीते 10 साल से क्यों नहीं कुछ कहा। इन्हें दिक्कत तब होती है जब फेडरेशन नियम बनाती है। अगर ये साबित कर दें कि यौन शोषण किया है तो मैं फांसी लगा लूंगा।"
दिल्ली के जंतर-मंतर पर पत्रकारों से बात करते हुए फोगाट ने कहा, "डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष महिला खिलाड़ियों और कोचों के साथ यौन उत्पीड़न में लिप्त हैं। मैं अभी यह कह रही हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि मैं कल जीवित रहूंगी या नहीं। यहां बैठी कुछ महिला पहलवानों ने भी छेड़छाड़ का अनुभव किया है। हम अपने लिए नहीं लड़ रहे हैं। हम कुश्ती को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। वह हमारे निजी जीवन में हस्तक्षेप करता है और जानना चाहता है कि हमारा प्रेमी या प्रेमिका कौन है। वह हमसे हमारी शादी और अन्य निजी चीजों के बारे में पूछता रहता है।"
वहीं दूसरी तरफ शरण सिंह ने दावा किया कि बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने एक हफ्ते पहले उनसे कहा था कि उन्हें कोई समस्या नहीं है। WFI के अध्यक्ष ने उनपर पलटवार करते हुए कहा कि "जो पहलवान आज विरोध कर रहे हैं वे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले रहे हैं। उन्होंने पहले शिकायत क्यों नहीं की?" कुश्ती संघ के चीफ ने उनपर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। शरण सिंह ने यौन शोषण के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं हुआ है, और पत्रकारों को एक भी पीड़ित को लाने की चुनौती दी जो इसकी पुष्टि करे।
विनेश फोगाट ने ये भी कहा, "मुझे महासंघ और कुश्ती अध्यक्ष द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। एक समय मैं आत्महत्या करने के बारे में सोच रही थी क्योंकि महासंघ और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष द्वारा मुझ पर दबाव डाला जा रहा था। मैं चार लड़कियों के साथ टोक्यो ओलंपिक में गई थी लेकिन हमें कोई भी फीजियो नहीं दिया गया था इसके बजाय डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव हमारे साथ गए। हर कोई जानता है कि वह [बृजभूषण शरण सिंह] कितने शक्तिशाली हैं। वह चार बार के सांसद हैं। जब भी हम कोशिश करते हैं और शिकायत करते हैं, तो वे हमें जान से मारने की धमकी देते हैं। वे हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं और मुझ पर बिना किसी वजह के प्रतिबंध लगाए गए।"
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