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देश के लिए श्रीराम धनुष वाले हैं... लेकिन मिथिलावालों के लिए वो हमारे जीजा हैं: मैथिली ठाकुर
Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) ने कहा, “इस (राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह) के लिए पूरा देश उत्साहित है। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैं इस जीवनकाल में इस समारोह का गवाह बन सकूंगी। कई लोगों ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया और अपनी जान गंवाई है। पूरा देश राममय हो गया है। देश के बाहर भी राम (Ram Mandir Pran Pratishtha) नाम की गूंज सुनने को मिल रही है। हमारा सौभाग्य है कि हमलोग वापस से धर्म की राह पर चलने जा रहे हैं। पूरा देश राममय हो गया है। देश के बाहर भी राम नाम की गूंज सुनने को मिल रही है। हमारा सौभाग्य है कि हमलोग वापस से धर्म की राह पर चलने जा रहे हैं।" भगवान श्री राम को पूरी दुनिया एक धनुषधारी, मर्यादा पुरुषोत्म और दशरथ पुत्र की नजर से देखती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका मिथिला के साथ बेहद खास रिश्ता है। दरअसल, मां सीता मिथिला से थी, इसलिए श्री राम मिथिला के दामाद हैं। आज भी श्रीराम को दामाद सा सम्मान दिया जाता है। मिथिला के लोग आज भी श्रीराम को जीजा मानते हैं। मैथिली ठाकुर ने भी यही बात कही कि दुनिया के लिए वो कोई भी हों लेकिन मिथिलावासियों के लिए हमेशा से वो हमारे जीजा हैं, और ये सत्य है। मिथिला वालों ने भगवान राम की छवि को अपने सीने में बसा लिय है। इसलिए वो कभी यहां से गए ही नहीं।