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पब्लिश्ड May 20, 2025 at 5:22 PM IST
भारत धर्मशाला नहीं- सुप्रीम कोर्ट ने शरणार्थियों पर कड़ा संदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने एक श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त रुख अपनाया और कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है जहां दुनियाभर के लोग आकर बस जाएं। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और विनोद चंद्रन की पीठ ने स्पष्ट किया कि 140 करोड़ की आबादी वाला भारत पहले से ही सीमित संसाधनों से जूझ रहा है और ऐसे में देश पर शरणार्थियों का अतिरिक्त बोझ डालना संभव नहीं है। कोर्ट ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की उस टिप्पणी का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि शरणार्थियों की अनियंत्रित संख्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है। यह टिप्पणी सिर्फ श्रीलंकाई शरणार्थियों तक सीमित नहीं, बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और रोहिंग्या जैसे अन्य मामलों पर भी लागू होती है, जो भारत की आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित कर रहे हैं।