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Ayodhya Ram Mandir: कार सेवक की पत्नी ने बताया साल 1990 में जब मेरे पती को गोली लगी तब?.| Kar Sewa
अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जाएगी। जिसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही हैं। 495 साल पुराने राम मंदिर के बाद एक शब्द खूब चर्चाओं में आया वो है 'कार सेवक'. जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने 2 लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए तो उन लोगों को 'कार सेवक' नाम दिया गया था। पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल साल 1990 में 23 जून को संत सम्मेलन में किया गया था। दरअसल जो लोग किसी धार्मिक कार्य या किसी संस्था के लिए परोपकार से जुड़े काम निस्वार्थ भावना से या पैसे लिए बिना करते हैं उन्हें कार सेवक कहा जाता है, क्योंकि निस्वार्थ या पैसे लिए बिना ज्यादातर काम धर्म के लिए ही किए जाते हैं इसलिए कार सेवक शब्द का उपयोग अक्सर धार्मिक कार्यों के लिए किया जाता रहा है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि कार का अर्थ होता है कर यानी हाथ और सेवक का मतलब है सेवा करने वाला। रिपब्लिक भारत ने एक ऐसे ही कार सेवक की पत्नी से खास बातचीत जिसके पती को साल 1990 में गोलियों से भुन दिया गया था।