अपडेटेड 17 January 2024 at 13:32 IST

लखनऊ के खगोलविदों ने ब्रह्माण्ड में खोजे 'राम नेबुला', जानिए क्या होता है नेबुला

लखनऊ के खगोलविदों ने इंटरनेट पर उपलब्ध खगोलीय डेटा की मदद से ब्रह्मांड में नया नेबुला ढूंढ़ निकाला है।

लखनऊ के खगोलविदों ने राम नेबुला खोज निकाला | Image: Republic

(राघवेंद्र पांडेय)

संकल्प एम रस्तोगी (Sankalp M Rastogi), जो अपने खगोल विज्ञान एनजीओ 'Scientific Knowlegde for Youth Foundation' के अध्यक्ष हैं और उत्कर्ष मिश्रा जो एमिटी विश्वविद्यालय (Amity University) के छात्र हैं, दोनों वरिष्ठ वैज्ञानिक व अधिकारी सुमित श्रीवास्तव की देखरेख में रात के समय आकाश में दिखाई देने वाली खगोलीय वस्तुओं को देखने और उनके बारे में जानने के लिए कुछ साल पहले इंदिरा गांधी तारामंडल के सदस्य बने।

2020 में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने इंटरनेट पर उपलब्ध खगोलीय डेटा की मदद से ब्रह्मांड में नए नेबुला की खोज पर काम करने के लिए एक टीम इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला, लखनऊ के निदेशक अनिल यादव के निर्देशन में बनाई।

नेबुला क्या है ?

नेबुला अंतरिक्ष में धूल और गैस का एक विशाल बादल है। नेबूला विभिन्न प्रकार की होती है जैसे ग्रहीय नेबुला, सुपरनोवा अवशेष आदि। अंतरिक्ष विज्ञान में कई प्रगति के बावजूद ब्रह्मांड में अभी भी ऐसे क्षेत्र हैं जिनकी खोज की जानी बाकी है और इन दोनों शौकिया खगोलविदों ने इन अज्ञात नेबुला की खोज में अपने अनगिनत घंटे बिताए।

एक नई नेबुला खोजने की तुलना भूसे के ढेर में सुई खोजने के कार्य से की जा सकती है। लेकिन कठिनाइयों के बावजूद संकल्प और उत्कर्ष ब्रह्मांड में 55 से अधिक नए नेबुला की पहचान करने में कामयाब रहे हैं। उनकी सूची का तेजी से विस्तार हो रहा है।

उनकी सबसे प्रसिद्ध नेबुला खोज तारामंडल मोनोसेरोस में है। इस नेबुला को बबलगम नेबुला नाम दिया गया है। यह नेबुला आकार में बहुत बड़ी है लेकिन बिना दूरबीन के आसानी से दिखाई नहीं देती। यदि यह चांद के समान चमकीला होता तो यह आकाश में दूसरे चंद्रमा की तरह दिखाई देता। इस नेबुला की तस्वीर चिली से ली गई थी।

मोमी 5 जिसे सॉसरर्स स्टोन नेबुला के नाम से भी जाना जाता है, कैसिओपिया तारामंडल में फैंटम ऑफ द ओपेरा के नाम से मशहूर नेबुला के पास स्थित है। अपनी खोज की पुष्टि करने के लिए उन्होंने एक ब्रिटिश खगोलशास्त्री से संपर्क किया जिसने स्पेन में अपनी वेधशाला से उनके नेबुला की तस्वीर खींची।

उन्होंने अपनी हालिया खोज को राम नेबुला नाम दिया है जो कैसिओपिया तारामंडल में स्थित है। यह आसानी से दिखाई नहीं देता था और इसलिए यह खगोलविदों से छूट गया था, लेकिन इन दो तेज़-तर्रार शौकिया खगोलविदों से नहीं।

संकल्प और उत्कर्ष इन अनदेखे क्षेत्रों का अध्ययन करने के लिए इंदिरा गांधी तारामंडल द्वारा प्रदान की गई दूरबीन और उपकरणों का भी उपयोग करते हैं, उन्होंने अपने शोध कार्य में दुनिया के विभिन्न हिस्सों के शौकिया खगोलविदों के साथ भी सहयोग किया है। इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला में ही दोनो उभरते हुए खगोलविदों ने सुमित कुमार श्रीवास्तव, वैज्ञानिक अधिकारी से एस्ट्रोनॉमी का बेसिक्स सीखे है। ये दोनो पिछले 12 सालों से इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला से जुड़े हुए है।



संकल्प और उत्कर्ष ने नेबुला के साथ क्षुद्रग्रह, सुपरनोवा और एक्सो ग्रहों की भी खोज की है। इन उभरते हुए खगोलविदों पर इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला को गर्व है। सुमित कुमार श्रीवास्तव, के अनुसार राम नेबुला की खोज खगोलिकी के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी और अन्य नए विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करेगी। राम नेबूला के डाटा का प्रयोग वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए भी किया जा सकेगा।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 17 January 2024 at 13:22 IST