अपडेटेड 11 March 2024 at 13:23 IST
Samudrayaan : भारत खोजेगा समुद्र के रहस्य, 6000M की गहराई में जाएंगे इंसान; जानिए कब लॉन्च होगा मिशन
भारत अपने 'समुद्रयान मिशन' में समुद्र का अध्ययन करने के लिए अपने वैज्ञानिकों को समुद्र तल के नीचे छह किलोमीटर गइराई में भेजने पर काम करेगा।
Samudrayaan Mission : भारत ने समुद्र का अध्ययन करने की लिए मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर ली है। पिछले कुछ दिनों में भारत चांद पर तिरंगा फहरा चुका है। उसके बाद 'मिशन सूर्ययान' अपने लक्ष्य पर पहुंचने के बाद काम शुरू कर चुका है। अंतरिक्ष के रहस्यों को खोजने के मिशन की तैयारियों में भी भारत लगा है। इसी बीच अब दावा किया जा रहा है कि भारत का समुद्रयान 2025 के अंत तक समुद्र तल में अध्ययन करने में सक्षम होगा।
भारत अपने 'समुद्रयान मिशन' में समुद्र का अध्ययन करने के लिए अपने वैज्ञानिकों को समुद्र तल के नीचे छह किलोमीटर गइराई में भेजने पर काम करेगा। अब तक अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने गहरे समुद्र में मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। भारत ऐसे मिशन के लिए विशेषज्ञता और क्षमता का प्रदर्शन करके इन देशों की श्रेणी में शामिल होने के लिए तैयार है।
इस साल के अंत तक होगा टेस्ट: रिजिजू
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू 'पीटीआई-भाषा' को दिए एक इंटरव्यू में कहते हैं कि उन्होंने परियोजना की समीक्षा की है और वैज्ञानिक इस साल के अंत तक पहला सतही जल परीक्षण कर सकेंगे। रिजिजू बताते हैं कि गहरे समुद्र में जाने में सक्षम भारत की पनडुब्बी 'मत्स्य 6000' पर काम ठीक तरीके से आगे बढ़ रहा है। पनडुब्बी 'मत्स्य 6000' का परीक्षण इस साल के अंत तक किया जा सकता है। ये पनडुब्बी इंसानों को समुद्र में 6000 मीटर की गहराई तक ले जाने में समक्ष होगी।
'2025 के अंत तक लॉन्च हो सकता है मिशन'
किरेन रिजिजू कहते हैं, 'जब आप समुद्रयान के बारे में बात करते हैं, तो आप समुद्र के अंदर लगभग 6000 मीटर यानी 6 किलोमीटर गहराई तक जाने के हमारे मिशन के बारे में बात करते हैं। यहां प्रकाश भी नहीं पहुंच सकता। मैं कह सकता हूं कि जहां तक मनुष्यों को समुद्र के भीतर ले जाने वाली हमारी 'मत्स्य' पनडुब्बी का सवाल है, तो उसका काम ठीक रास्ते पर है।' रिजिजू दावा करते हैं कि हम 2025 के अंत तक यानी अगले साल तक अपने मानव दल को 6000 मीटर से अधिक गहरे समुद्र में भेजने में सक्षम होंगे।
समुद्रयान मिशन के बारे में
समुद्रयान मिशन 2021 में शुरू किया गया था। इस मिशन के तहत 'मत्स्य 6000' पनडुब्बी के जरिए एक टीम को मध्य हिंद महासागर में 6000 मीटर की गहराई तक पहुंचाया जाएगा। इसके जरिए टीम के 3 सदस्यों को समुद्र के नीचे अध्ययन के लिए भेजा जाएगा। ये पनडुब्बी वैज्ञानिक सेंसर और उपकरणों से लैस होगी। इसकी परिचालन क्षमता 12 घंटे होगी, जिसे आपात स्थिति में 96 घंटे तक बढ़ाया जा सकता है।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 11 March 2024 at 11:30 IST