अपडेटेड 22 January 2025 at 16:04 IST

Gaganyaan: इसरो ने गगनयान के पहले मानवरहित मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल भेजा

गगनयान अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की क्षमता हासिल करने की दिशा में इसरो का प्रयास है। ISRO ने 21 जनवरी को क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष की कक्षा के लिए रवाना किया।

gaganyaan crew module | Image: X

Gaganyaan: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) ने द्रव प्रणोदन प्रणाली के एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद गगनयान के पहले मानवरहित मिशन के वास्ते क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष की कक्षा के लिए रवाना किया है। इसरो ने बुधवार को यह जानकारी दी।

गगनयान अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की क्षमता हासिल करने की दिशा में इसरो का पहला प्रयास है। इसरो गगनयान परियोजना के तहत मानवयुक्त चालक दल को रवाना करने से पहले अंतरिक्ष में एक मानवरहित मिशन भेजने की योजना बना रहा है। इसरो ने एक बयान में कहा, “21 जनवरी 2025 को इसरो के द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) ने द्रव प्रणोदन प्रणाली के एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद गगनयान के पहले मानवरहित मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष रवाना किया।”

क्रू मॉड्यूल एक पूर्ण स्वायत्त अंतरिक्ष यान

क्रू मॉड्यूल एक पूर्ण स्वायत्त अंतरिक्ष यान है, जिसे तीन सदस्यीय चालक दल को अंतरिक्ष की कक्षा में ले जाने और मिशन अवधि पूरी होने के बाद धरती पर सुरक्षित रूप से वापस लाने के लिए डिजाइन किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बेंगलुरु स्थित एलपीएससी ने क्रू मॉड्यूल को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया। इसरो के मुताबिक, क्रू मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (सीएमपीएस) एक द्वि-प्रणोदक आधारित प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) है, जिसे क्रू मॉड्यूल को सटीक 3-अक्ष नियंत्रण (पिच, यॉ और रोल) प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “इस प्रणाली में 12 100एन थ्रस्टर, उच्च दबाव वाली गैस बोतलों के साथ दबाव प्रणाली और संबंधित द्रव नियंत्रण घटकों के साथ प्रणोदक प्रवाह प्रणाली शामिल है।”

अधिकारियों के अनुसार, 100एन थ्रस्टर रॉकेट मोटर हैं, जिनका इस्तेमाल अंतरिक्ष यान में प्रणोदन के लिए किया जाता है। उन्होंने बताया कि एलपीएससी ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) द्वारा डिजाइन किए गए क्रू मॉड्यूल अपराइटिंग सिस्टम (सीएमयूएस) को भी मॉड्यूल में एकीकृत किया है। इसरो के मुताबिक, क्रू मॉड्यूल को कक्षीय मॉड्यूल के एकीकरण के अंतिम चरण के लिए बेंगलुरु स्थित यूआर राव उपग्रह केंद्र भेजे जाने से पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में एवियोनिक्स और विद्युत दोहन प्रणालियों की असेंबली एवं परीक्षण सहित अन्य एकीकरण प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 22 January 2025 at 16:04 IST