अपडेटेड 17 January 2025 at 20:02 IST

ओलंपिक पदक की गुणवत्ता उच्च कोटि की होनी चाहिए: मनु भाकर

भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने कहा कि एक खिलाड़ी के लिए ओलंपिक पदक से बड़ा कोई स्मृति चिन्ह नहीं है इसलिये इसकी गुणवत्ता उच्च कोटि की होनी चाहिए।

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खेल रत्न अवॉर्ड मामले में मनु भाकर ने तोड़ी चुप्पी | Image: INSTAGRAM

Manu Bhaker: भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने कहा कि एक खिलाड़ी के लिए ओलंपिक पदक से बड़ा कोई स्मृति चिन्ह नहीं है इसलिये इसकी गुणवत्ता उच्च कोटि की होनी चाहिए। पेरिस ओलंपिक के पदकों की चमक इन्हें दिए जाने के कुछ ही महीनों बाद फीकी पड़ गई है। महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर मिश्रित टीम स्पर्धा में भाकर द्वारा जीते गए दो कांस्य पदकों की चमकीली ऊपरी परत उखड़ गई जिससे उनका अंदर का हिस्सा दिख रहा है।

उन्होंने और दुनिया भर के कई खिलाड़ियों ने पदक की चमक फीकी होने के मुद्दे को उठाया और उन्हें बदलने की मांग की। राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजे जाने के बाद 22 वर्षीय इस शीर्ष निशानेबाज ने पुष्टि की कि उनके पदकों की चमक फीकी पड़ गई थी।

खेल रत्न प्राप्त करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान भाकर ने कहा, ‘‘पदक मिलने के तुरंत बाद दो तीन दिन के अंदर ही चमक फीकी होनी शुरू हो गई। मैं यह अपने पदक को देखने के बाद कह सकती हूं। ओलंपिक पदक जीवन भर संजोकर रखने वाली चीज है क्योंकि उस पदक के साथ बहुत बड़ी याद जुड़ी होती है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि किसी एथलीट के करियर में इससे बड़ी कोई यादगार चीज नहीं हो सकती। इसकी गुणवत्ता शीर्ष स्तर की होनी चाहिए और अगर आईओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) इसे बदल रही है तो यह बहुत अच्छा फैसला है क्योंकि भारत और अन्य देशों के बहुत से खिलाड़ियों ने शिकायत की है। ’’ आईओसी ने कहा कि फीके हुए पदकों को ‘मोनैई डे पेरिस (फ्रांस का राष्ट्रीय टकसाल)’ द्वारा व्यवस्थित रूप से बदला जाएगा। खिलाड़ियों को मिलने वाला नया पदक पुराने के समान ही होगा।

भाकर ने पेरिस में अपनी सफलता के बाद प्रतियोगिताओं से ब्रेक ले लिया था, उन्होंने साल के अंत में होने वाले विश्व कप फाइनल और राष्ट्रीय चैंपियनशिप को छोड़ दिया था, लेकिन 2028 लॉस एंजिल्स खेलों को ध्यान में रखते हुए वह पिछले कुछ महीनों से ट्रेनिंग कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हां मैंने ट्रेनिंग शुरू कर दी है, ढाई महीने हो गए हैं। 2028 ओलंपिक की दौड़ तक उतार-चढ़ाव तो चलेगा। मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हूं। ’’ दिग्गज निशानेबाज का लक्ष्य इस साल कई विश्व कप और 2026 में विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में भाग लेना है। उन्होंने कहा कि खेल रत्न निश्चित रूप से उन्हें लॉस एंजिल्स ओलंपिक में अपने पदक का रंग बदलने के लिए प्रेरित करेगा।

भाकर ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से खेल रत्न देश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है और यह मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं इस यात्रा में मेरा साथ देने वाले सभी लोगों की आभारी हूं। ’’

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 17 January 2025 at 20:02 IST