अपडेटेड 25 January 2024 at 12:36 IST

मेरी कॉम- एक बॉक्सिंग युग और विश्व चैंपियनशिप; फिर ऐसे तय किया था मुक्केबाजी से संसद तक का सफर

मेरी कॉम मुक्केबाजी में 6 विश्व खिताब जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज हैं। उनके नाम पर 5 बार की एशियाई चैंपियन, 2014 एशियाई खेलों में गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड है।

Follow :  
×

Share


मेरी कॉम ने बॉक्सिंग से संन्यास की खबरों का खंडन किया। | Image: Facebook

Boxer Mary Kom: छह बार की विश्व चैंपियन और 2012 ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबा मैंगटे चुंगनेइजैंग मेरी कॉम, जिन्हें लोग एमसी मेरी कॉम के नाम से भी जानते हैं, उनके अचानक संन्यास की खबरों ने हर किसी को चौंका दिया है। बुधवार को खबरें आईं कि मेरी कॉम ने मुक्केबाजी में अपने लंबे करियर पर बढ़ती उम्र की वजह से ब्रेक ला दिया है। हालांकि ये खबरें महज अफवाहें निकली हैं। मेरी कॉम ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने अभी संन्यास लेने की कोई घोषणा नहीं की है।

लंदन ओलंपिक 2012 की पदक विजेता मेरी कॉम ने खेल से संन्यास की खबरों का खंडन करते हुए एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया और उनका अभी संन्यास का कोई इरादा नहीं है।

मैंने अभी तक संन्यास की घोषणा नहीं की: मेरी कॉम

अपने बयान में उन्होंने कहा, ‘मीडिया के मेरे दोस्तों, मैंने अभी तक संन्यास की घोषणा नहीं की है और मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। जब भी मुझे संन्यास का ऐलान करना होगा तो मैं खुद सभी को बताऊंगी। मैंने कुछ मीडिया रिपोर्ट देखी हैं. जिनमें कहा गया कि मैंने खेल को अलविदा कह दिया, जो सही नहीं है।’

मेरी कॉम के संन्यास की उड़ी थीं अफवाहें

बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान मेरी कॉम का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा- 'मुझमें अभी भी भूख है लेकिन दुर्भाग्य से उम्र सीमा खत्म हो जाने के कारण मैं किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकती। मैं और खेलना चाहता हूं, लेकिन मुझे (उम्र सीमा के कारण) छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मुझे रिटायर होना है. मैंने अपने जीवन में सब कुछ हासिल किया है।'

पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में जन्मी मेरी कॉम को मैग्नीफिसेंट मैरी' के नाम भी जाना जाता है। पूर्व राज्यसभा सांसद और मुक्केबाज मेरी कॉम की उम्र 41 साल के आसपास हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के नियमों के तहत ओलंपिक जैसी एलीट स्पर्धा में 40 साल तक की उम्र के ही खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें: 'हेलमेट तोड़ दूंगा...' Mohammed Siraj ने इंग्लैंड टीम को क्यों धमकाया?

मेरी कॉम की नाम दर्ज खिताब

मेरी कॉम मुक्केबाजी इतिहास में 6 विश्व खिताब पर कब्जा करने वाली पहली महिला मुक्केबाज हैं। 5 बार की एशियाई चैंपियन 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला मुक्केबाज भी हैं। अनुभवी मुक्केबाज ने लंदन 2012 ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता। वो लंदन ओलंपिक 2012 में 51 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतकर महिला मुक्केबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनीं।

उन्होंने 18 साल की उम्र में स्क्रैंटन, पेनसिल्वेनिया में उद्घाटन विश्व सम्मेलन में खुद को दुनिया के सामने पेश किया। अपनी लगभग त्रुटिहीन मुक्केबाजी शैली से उन्होंने सभी को प्रभावित किया और 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई। फाइनल में वो पिछड़ गईं, लेकिन सफलता की छाप छोड़ गईं, जो उन्हें भविष्य में मिलने वाली थीं।

आने वाले सालों में वह एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्होंने 2005, 2006, 2008 और 2010 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता। 2008 का खिताब जीतने के बाद मेरी कॉम अपने जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद ब्रेक पर चली गईं।

2012 ओलंपिक पदक जीतने के बाद मैरी अपने तीसरे बच्चे को जन्म देने के बाद एक बार फिर ब्रेक पर चली गईं। उन्होंने अपनी वापसी की, लेकिन दिल्ली में आयोजित 2018 विश्व चैंपियनशिप में शिखर पर अपनी जगह पक्की कर ली। उन्होंने अपने छठे विश्व खिताब के लिए यूक्रेन की हन्ना ओखोटा पर 5-0 से जीत दर्ज की। एक साल बाद उन्होंने अपना 8वां विश्व पदक जीता, जो किसी भी पुरुष या महिला मुक्केबाज की तरफ से सबसे अधिक था।

मेरी कॉम को कौन-कौन से पुरस्कार मिले?

  • 2003 में अर्जुन पुरस्कार
  • 2006 में पद्मश्री अवॉर्ड
  • 2009 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार
  • 2009 में देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार
  • 2020 में भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण

मेरी कॉम ने राजनीति में कदम रखा

खेल जगत में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद मेरी कॉम ने राजनीति में कदम रखा। खेल के साथ राजनीति में मेरी कॉम में अपनी बराबर भागीदारी निभाई। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन NDA की तरफ से मेरी कॉम को राज्यसभा भेजा गया था। उन्होंने 26 अप्रैल 2016 को अपना कार्यकाल शुरू किया।

यह भी पढ़ें: भारत की युवा ब्रिगेड के सामने आयरलैंड की आसान चुनौती

Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 25 January 2024 at 10:28 IST