अपडेटेड 10 January 2025 at 17:25 IST

अर्जुन पुरस्कार से साजन प्रकाश का हौसला बुलंद, इसे तैराकी की जीत बताया

पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने और प्रायोजक के हट जाने के कारण भारत के शीर्ष तैराकों में से एक साजन प्रकाश बेहद निराश थे।लेकिन पिछले सप्ताह अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित होने के बाद जैसे 31 वर्षीय प्रकाश की की उम्मीदों को नए पंख लग गए और उनकी तरणताल में वापसी की भावना फिर से जागृत हो गई।

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Sajan Prakash's morale boosted by Arjuna Award, calls it a victory for swimming | Image: Swimming Federation of India

पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने और प्रायोजक के हट जाने के कारण भारत के शीर्ष तैराकों में से एक साजन प्रकाश बेहद निराश थे। लेकिन पिछले सप्ताह अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित होने के बाद जैसे 31 वर्षीय प्रकाश की की उम्मीदों को नए पंख लग गए और उनकी तरणताल में वापसी की भावना फिर से जागृत हो गई। उन्होंने इस पुरस्कार को तैराकी की जीत बताया। वह पिछले पांच वर्षों से इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर रहे थे।

प्रकाश ने पीटीआई से कहा, ‘‘कई वर्षों के बाद तैराकी (सक्षम खिलाड़ियों के लिए) को कोई अर्जुन पुरस्कार मिला है। इसलिए यह एक तरह से इस खेल की जीत है। तैराकी में पिछले 12 वर्ष में किसी को अर्जुन पुरस्कार नहीं मिला था इसलिए यह अच्छी बात है कि इस खेल को मान्यता मिल रही है।’’

संदीप सेजवाल 2012 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले आखिरी सक्षम तैराक थे। उसके बाद, केवल पैरा-तैराकों को सम्मान के लिए चुना गया है। प्रकाश 2021 में तोक्यो ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले तैराक बने थे। इसके बाद हालांकि उन्हें शारीरिक और मानसिक थकावट का सामना करना पड़ा था।

पिछले छह महीनों में अपने संघर्षों को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से थक चुका था। मैं मानसिक रूप से काफी थका हुआ महसूस कर रहा था और मुझे लगा कि अब बस विराम देने की जरूरत है। अपने करियर में मैंने पहली बार ब्रेक लिया।’’ प्रकाश अगर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर जाते तो यह उनका लगातार तीसरा ओलंपिक होता। ओलंपिक में जगह नहीं बनाने के बाद उनके प्रायोजक ने उनका साथ छोड़ दिया था। प्रकाश ने इसके बाद ब्रेक ले लिया था।

प्रकाश ने इस दौरान लंबे समय से उन्हें परेशान कर रही गर्दन की समस्या के लिए आयुर्वेदिक उपचार लिया। इस समस्या के कारण एक बार वह अपने बाएं हाथ को हिलाने में असमर्थ हो गए थे। उन्होंने कहा,‘‘मेरा इलाज चल रहा था। मैं एक आयुर्वेदिक अस्पताल गया। यह एक अच्छी विश्राम, कायाकल्प प्रक्रिया थी। मैंने पीआरपी (प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा थेरेपी) भी ली।’’ प्रायोजक के हट जाने के बाद प्रकाश ने कोचिंग का सहारा लिया और वह स्पेन में एक कार्यशाला का हिस्सा बने जहां उन्होंने युवा खिलाड़ियों को इस खेल के गुर सिखाए।

प्रकाश ने अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में कहा, ‘‘मैंने अभी-अभी फिर से तैरना शुरू किया है। मेरा वजन कुछ बढ़ गया है। मैं अभी समय पर ध्यान नहीं देना चाहता। मैं पहले स्वस्थ रहना चाहता हूं और फिर धीरे-धीरे उसमें सुधार करना चाहता हूं।’’ फिलहाल उनका दीर्घकालिक लक्ष्य 2026 में होने वाले एशियाई खेल हैं। विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करना भी उनका लक्ष्य है।

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 10 January 2025 at 17:25 IST