अपडेटेड 17 January 2025 at 19:58 IST

तोक्यो ओलंपिक के बाद सीमित खिलाड़ियों पर ध्यान देना फायदेमंद रहा: निशानेबाजी कोच दीपाली

ओलंपिक पदक विजेता स्वप्निल कुसाले सहित कई निशानेबाजों की वैश्विक सफलता में अहम योगदान देने वाली पूर्व खिलाड़ी और कोच दीपाली देशपांडे ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक में इस खेल में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्होंने सीमित संख्या में खिलाड़ियों के साथ काम करने का फैसला किया।

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स्वप्निल कुसाले के साथ दीपाली देशपांडे | Image: INSTAGRAM

Paris Olymics: ओलंपिक पदक विजेता स्वप्निल कुसाले सहित कई निशानेबाजों की वैश्विक सफलता में अहम योगदान देने वाली पूर्व खिलाड़ी और कोच दीपाली देशपांडे ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक में इस खेल में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्होंने सीमित संख्या में खिलाड़ियों के साथ काम करने का फैसला किया।

 कई वर्षों तक ओलंपिक, विश्व कप और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता निशानेबाजों को प्रशिक्षण देने वाली दीपाली को शुक्रवार को यहां द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दीपाली के शिष्यों में स्वप्निल के साथ अर्जुन बबूता, अंजुम मौदगिल, अखिल श्योराण, सिफत कौर सामरा और श्रीयंका शदांगी भी शामिल है। स्वप्निल ने पेरिस ओलंपिक में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में कांस्य पदक मिला और इस वर्ग में पदक जीतने वाले वह पहले भारतीय निशानेबाज है। 

दीपाली ने दोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद कहा कि तोक्यो ओलंपिक के बाद उन्होंने सिर्फ छह निशानेबाजों के साथ काम करना शुरू किया। दीपाली ने कहा, ‘‘ हम 2016 (रियो ओलंपिक) के बाद 2021(तोक्यो) से हम खाली हाथ लौटे थे। इसके बाद मुझे लगा कि ओलंपिक पदक के सपने को साकार करने के लिए आपको कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहना होगा। आपकी यही मानसिकता होनी चाहिये और मेरी मानसिकता में भी यह बड़ा बदलाव आया था। मैंने इसी के अनुसार काम किया।’’ 

एशियाई चैम्पियनशिप (2004, कुआलालंपुर) की रजत पदक विजेता इस पूर्व निशानेबाज ने कहा, ‘‘तोक्यो के बाद ढाई साल तक मैंने पूरी तरह से छह निशानेबाजों (स्वप्निल सहित) पर ध्यान केंद्रित किया और यह वास्तव में काम आया। मैं चाहती थी कि बिना किसी दिखावे के अपना काम जारी रखू।’’ उन्होंने कहा कि राइफल निशानेबाजी में खिलाड़ियों की तकनीक अच्छा होना सबसे अहम है। इस 55 साल की कोच ने कहा, ‘‘एक कोच के रूप में मुझे पहले खिलाड़ियों का विश्वास हासिल करना था ताकि वे वे मेरी बात सुनें या मुझसे सहमत होंगे। राइफल निशानेबाजी एक बहुत ही तकनीकी खेल है और अगर तकनीकी चीज मजबूत हो जाती है तो बाकी सब कुछ अपने आप सही हो जाता है।’’ 

दीपाली ने कहा कि भारत के पास बेहतरीन निशानेबाजों की कोई कमी नहीं है और आने वाले दिनों में हमारे खिलाड़ी और वैश्विक सफलता हासिल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अब हमारे पास प्रतिभाशाली निशानेबाजों की अच्छी संख्या है। तोक्यो ओलंपिक के समय ऐसी स्थिति नहीं थी। अब बहुत सारे निशानेबाज हैं जो वास्तव में विश्व स्तर की तरह अच्छे हैं। अब जाने माने खिलाड़ी कोचिंग के क्षेत्र में आ रहे है और इससे बहुत मदद मिल रही है।' 

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 17 January 2025 at 19:58 IST