अपडेटेड 9 August 2024 at 14:39 IST

श्रीजेश के लिये केरल का पारंपरिक खाना बनाऊंगी, बोलीं ओलंपिक मेडलिस्ट की पत्नी

पेरिस ओलंपिक में स्पेन को 2-1 से हराकर लगातार दूसरी बार ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के साथ ही महान गोलकीपर श्रीजेश ने हॉकी को अलविदा कह दिया।

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Will cook traditional Kerala food for Sreejesh says Olympic medalist wife | Image: PTI

लाखों भारतीयों की तरह पी आर श्रीजेश की प्रशंसक अनीश्या को मैदान पर भारतीय हॉकी की इस दीवार की कमी खलेगी लेकिन पत्नी होने के नाते उन्हें खुशी है कि हमेशा घर से दूर रहने वाले पति का अधिक समय उन्हें अब मिल सकेगा । पेरिस ओलंपिक में स्पेन को 2 . 1 से हराकर लगातार दूसरी बार ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के साथ ही महान गोलकीपर श्रीजेश ने हॉकी को अलविदा कह दिया ।

उनकी पत्नी डॉक्टर अनीश्या ने केरल से भाषा से बातचीत में कहा ,‘‘ मैं उनकी पत्नी ही नहीं बल्कि प्रशंसक भी हूं । प्रशंसक होने के नाते दुखी हूं कि मैदान पर उन्हें नहीं देख सकूंगी लेकिन पत्नी को खुशी है कि अब पति का अधिक समय मिल सकेगा । तो खुशी और गम दोनों एक साथ हैं ।’’

यह पूछने पर कि भारत के लिये दो ओलंपिक पदक जीतने में सूत्रधार रहे श्रीजेश का स्वागत वह कैसे करेंगी, उन्होंने कहा कि वह उनके लिये केरल का पारंपरिक खाना बनायेंगी । उन्होंने कहा ,‘‘ उसे केरल का पारंपरिक खाना बहुत पसंद है । शाकाहारी और मांसाहारी दोनों । उसे बहुत याद आ रहा होगा और यहां आते ही मैं सबसे पहले वही पकाऊंगी ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हमने जश्न के बारे में अभी सोचा नहीं है लेकिन उनके भाई कनाडा से सपरिवार यहां आये हैं और पूरा परिवार एकत्र है । हमारे लिये यह बड़ा पल है और अब उनका इंतजार है । ’’

अनीश्या ने कहा ,‘‘ कांस्य पदक का मैच देखने पूरा घर भरा हुआ था ।जश्न का माहौल है । हमारे लिये यह गर्व का पल है कि वह भारत के लिये लगातार दूसरा ओलंपिक पदक जीतकर हॉकी से विदा हुए । दोनों बच्चे घर में इधर उधर दौड़ रहे हैं । इतने लोगों को देखकर उन्हें भी लग रहा है कि आज बहुत खास दिन है । मेरे आंसू निकलने ही वाले थे लेकिन मैने खुद पर काबू रखा ।’’

बहुत लोगों को पता नहीं है कि पेरिस ओलंपिक के लिये श्रीजेश तीन खास स्टिक लेकर गए थे जिनमें से दो पर उनके बच्चों अनुश्री और श्रियांश का और एक पर पत्नी का नाम लिखा था । अनीश्या ने बताया ,‘‘ उन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिये ये तीन स्टिक रखी थी । एक पेनल्टी शूटआउट के लिये जिस पर मेरा पसंदीदा रंग और नाम था और दो बाकी मैचों के लिये जिस पर बच्चों के नाम थे । ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में शूटआउट में उन्होंने मेरे नाम वाली स्टिक का इस्तेमाल किया था ।’’

भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ अभी तक फोकस पेरिस ओलंपिक पर ही था लेकिन अब आगे के बारे में फैसला लेंगे ।’’ भारतीय हॉकी की युवा ब्रिगेड के रोलमॉडल श्रीजेश से उन्होंने क्या सीखा, यह पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ मैने उनसे सकारात्मकता सीखी है । वह हमेशा कहते हैं कि खेल में जीत हार और जिंदगी में उतार चढाव आते रहते हैं लेकिन अतीत को भूलकर आगे बढना ही समझदारी है । और शायद यही उनकी सफलता का राज भी है ।’’

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Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 9 August 2024 at 14:39 IST