अपडेटेड 5 August 2024 at 21:20 IST

ओलंपिक में 12 साल बाद भारत को बैडमिंटन में मेडल नहीं, प्रकाश पादुकोण बोले- ‘खिलाड़ियों को भी...'

12 सालों में पहली बार भारत ओलंपिक में बैडमिंटन में कोई मेडल नहीं जीत पाया है। पेरिस ओलंपिक में लक्ष्य सेन की हार के साथ भारत की पदक की आखिरी उम्मीद भी टूट गई।

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पेरिस ओलंपिक में भारत के पदक रहित अभियान पर प्रकाश पादुकोण का बयान | Image: X/AP

Paris Olympics 2024: खेलों के महाकुंभ ओलंपिक (Olympic) में इस बार बैडमिंटन के लिहाज से भारत का सफर ठीक नहीं रहा है। 12 साल बाद ओलंपिक (Olympics) में ऐसा हुआ है कि भारत को बैडमिंटन (Badminton) में कोई मेडल (Medal) नहीं मिला है। 

स्टार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू (PV Sindhu), जिनसे सबसे ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन वो राउंड ऑफ 16 में हार गईं। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू (PV Sindhu) को चीन की हे बिंगजियाओ से 21-19, 21-14 से हार का सामना करना पड़ा, जबकि दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी सात्विक और चिराग एरोन चिया और सोह वूई यिक की तीसरी रैंकिंग वाली मलेशियाई जोड़ी से 12-21, 21-14, 21-16 से हार गए। एचएस प्रणय (HS Prannoy) दुर्भाग्यशाली रहे, क्योंकि उन्हें अपने ही हमवतन लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) से शिकस्त झेलनी पड़ी। 

वहीं लक्ष्य सेन को पहले रविवार को सेमीफाइनल में डेनमार्क के विक्टर ऐक्सल्सन (Viktor Axelsen) और आज सोमवार को ब्रॉन्ज मेडल मैच में मलेशिया के ली जी जिया से हार का सामना करना पड़ा और ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गए। इस तरह भारत का ओलंपिक में बैडमिंटन में पदक जीतने का कारवां थम गया। पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन में एक भी पदक न जीत पाने के बाद दिग्गज भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और पेरिस में बतौर मेंटॉर खिलाड़ियों के साथ मौजूद रहे प्रकाश पादुकोण ने बड़ा बयान दिया। 

'खिलाड़ियों को लेनी होगी जिम्मेदारी'

बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के पिता बैडमिंटन प्रकाश पादुकोण ने दो टूक कहा कि खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने लक्ष्य के मैच के बाद मीडिया से बातचीत में कहा- 

शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए जरूरी हर सपोर्ट और वित्तीय सहायता भारतीय खिलाड़ियों को दी गई थी। ये पहले के समय की तरह नहीं है, जब हमारे खिलाड़ियों के पास सुविधाओं और धन की कमी थी, इसलिए अब समय आ गया है कि हमारे खिलाड़ी आगे बढ़ें और उम्मीद के मुताबिक जीत हासिल करें। सरकार और फेडरेशनों ने अपना काम किया है। खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेने और अपने आप से पूछने की जरूरत है कि क्या वो पर्याप्त प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हीं खिलाड़ियों ने अन्य टूर्नामेंटों में इन विरोधियों को हराया है, लेकिन ओलंपिक में हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

बता दें कि भारत के लिए ओलंपिक में बैडमिंटन में पहला मेडल साइना नेहवाल (Saina Nehwal) ने जीता था। 2012 लंदन ओलंपिक में साइना नेहवाल देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद पीवी सिंधू ने अगले दो ओलंपिक में इस सिलसिले को जारी रखा। पीवी सिंधू ने 2016 रियो और 2020 टोक्यो ओलंपिक में क्रमश: सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते। 

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Published By : DINESH BEDI

पब्लिश्ड 5 August 2024 at 21:20 IST