अपडेटेड 30 August 2024 at 19:30 IST

हरियाणा के मनीष ने पैरालंपिक में जीता रजत तो मां गदगद, बोलीं- खुशी से हमारे आंसू रुक नहीं रहे...

मनीष नरवाल के माता-पिता बहुत भावुक हो गए और फिर उसके बाद मनीष की मां संतोष देवी ने गर्व से कहा कि, ‘बेटा देश के लिए मेडल लेकर आया है'

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मनीष नरवाल के माता-पिता | Image: ANI

Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालिंपिक्स में मनीष नरवाल ने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमा लिया है, मनीष ने 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में सिल्वर मेडल जीता है। अब तक भारतीय पैरा एथलीट 4 मेडल जीत चुके हैं। 

निशानेबाज मनीष नरवाल ने रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है। उनकी इस उपलब्धि पर पहले तो उनके माता-पिता बहुत भावुक हो गए और फिर उसके बाद मनीष की मां (Manish Mother) संतोष देवी ने गर्व से कहा कि, ‘बेटा देश के लिए मेडल लेकर आया है, जो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। हम बहुत खुश हैं, खुशी से हमारे आंसू नहीं रुक रहे हैं।’

मनीष ने पहले भी किया शानदार प्रदर्शन

मनीष नरवाल ने पिछले पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता था, इस बार फाइनल में उन्होंने 234.9 का स्कोर किया। गोल्ड मेडल से चूके मनीष 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 के फाइनल में मनीष नरवाल और साउथ कोरिया के जों जोंगडू के बीच कड़ा कॉम्पटिशन हुआ। कभी मनीष आगे थे तो कभी जों जोंगडू। लेकिन आखिर में जों जोंगडू ने 237.4 अंक के साथ गोल्ड मेडल जीत लिया। मनीष ने फाइनल में कुल 234.9 अंक बनाए। वहीं, चीन के यांग चाओ ने 214.3 अंक के साथ ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।

मनीष नरवाल कौन हैं?

17 अक्टूबर 2001 को जन्मे मनीष नरवाल एक भारतीय पैरा पिस्टल शूटर हैं, जो वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट रैंकिंग में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में चौथे स्थान पर हैं। मनीष ने 2016 में बल्लभगढ़ में शूटिंग शुरू की थी और 2021 में पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में P4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल SH1 इवेंट में गोल्ड मेडल जीतते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में भी मिक्स्ड P4-50 मीटर पिस्टल SH1 में गोल्ड मेडल जीता था।

घर बेचकर दिलाई थी पापा ने पिस्टल

बचपन की कहानी मनीष का दायां हाथ जन्म से ही काम नहीं करता था, लेकिन उन्हें फुटबॉल खेलना बेहद पसंद था। एक बार ज्यादा चोटिल होने के बाद उनके माता-पिता ने उन्हें फुटबॉल छोड़ने को कहा। इसके बाद, पिता के एक दोस्त की सलाह पर मनीष ने शूटिंग शुरू की। उनके पिता के पास पिस्टल खरीदने के पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने सात लाख रुपये में अपना घर बेचकर मनीष को पिस्टल दिलवाई। मनीष ने अपने पिता के इस बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया और आज वे अपने पिता के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 30 August 2024 at 19:30 IST