अपडेटेड 15 August 2024 at 14:54 IST

पाकिस्तान को गोल्ड मेडल दिलाने वाले अरशद नदीम तो 'राजपूत' निकले, जानें क्या है पूरा मामला

Arshad Nadeem: ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अरशद नदीम सुखेरा कम्युनिटी से आते हैं। ये एक पंजाबी मुस्लिम सामाजिक समूह और उपनाम है।

Follow :  
×

Share


arshad nadeem | Image: ap

Arshad Nadeem: पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रो एथलीट अरशद नदीम इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। जब से उन्होंने पेरिस ओलंपिक में रिकॉर्डतोड़ 92.97 मीटर थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल जीता है तब से पाकिस्तान में उन्हें खूब सम्मान मिल रहा है। इस बीच अब एक और दावा किया जा रहा है जिसके मुताबिक अरशद नदीम मुस्लिम होने के साथ-साथ राजपूत भी हैं। हैरान हो गए ना? लेकिन पाकिस्तान में एक समुदाय है जो वर्षों से ऐसा दावा करते आ रहे हैं।

ओलंपिक में 32 साल के लंबे इंतजार के बाद पाकिस्तान को मेडल जिताने वाले अरशद नदीम सुखेरा राजपूत कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं। अरशद मुस्लिम तो हैं लेकिन सुखेरा कम्युनिटी खुद को राजपूत भी समझते हैं।

अरशद नदीम कैसे हुए राजपूत?

ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अरशद नदीम सुखेरा कम्युनिटी से आते हैं। ये एक पंजाबी मुस्लिम सामाजिक समूह और उपनाम है जिसकी उत्पत्ति पाकिस्तान के पंजाब में हुई थी। सुखेरा कम्युनिटी खुद को शान से राजपूत कहते हैं।

क्या है इतिहास?

दरअसल, सुखेरा वंश भारत में बड़े राजपूत समुदाय की एक शाखा है। सुखेरा राजपूतों ने मुगल राज्य के दौरान कई वजहों से अपना धर्म परिवर्तन किया था। हालांकि, इस्लाम धर्म अपनाने के बावजूद वो खुद को शान से राजपूत बोलते हैं। अरशद नदीम भी सुखेरा कुनबा से ताल्लुक रखते हैं और यही वजह है कि उन्हें मुस्लिम के साथ-साथ राजपूत भी कहा जा रहा है।

बता दें कि अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों के जेवेलिन थ्रो फाइनल मुकाबले में 92.97 मीटर का भाला फेंककर गोल्ड जीता था। पेरिस में उन्होंने अपने भाले से जो दूरी नापी वो एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड भी बन गया।

पेरिस ओलंपिक में जैलविन थ्रो के मेडलिस्ट

पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुष जैवलिन स्पर्धा की बात करें तो पाकिस्तान के अरशद नदीम ने रिकॉर्डतोड़ 92.97 मीटर थ्रो फेंककर इतिहास रचा और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीरज चोपड़ा ने अपना बेस्ट थ्रो 89.45 मीटर फेंका और रजत पदक जीतने में कामयाब रहे। ग्रेनेडिया के एंडरसन पीटर्स ने 88.54 मीटर थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। 

इसे भी पढ़ें: क्या अभी भी विनेश फोगाट को मिल सकता है सिल्वर मेडल? CAS ने ठुकराया, अब बचा है सिर्फ ये रास्ता

Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 15 August 2024 at 14:54 IST