अपडेटेड 25 April 2023 at 17:18 IST

Rani Rampal ने कैसे भरी उड़ान? ऐसी है महिला हॉकी खिलाड़ी के संघर्ष की कहानी

Rani Rampal ने गरीबी से संघर्ष करते हुए नई ऊंचाई तक उड़ान भरने तक की कहानी खुद अपनी जुबान से बयां की। Republic Summit 2023 में रानी रामपाल अपनी गुजरी जिंदगी को याद कर भावुक भी हुईं।

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rani rampal | Image: self

Republic Summit 2023: भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल के स्टार की कहानी बड़े संघर्षों से भरी है। एक गरीब परिवार से उठकर आईं रानी रामपाल आज Indian Women Hockey Team की कप्तान रह चुकी हैं। रानी रामपाल Haryana के कुरुक्षेत्र के एक छोटे से गांव शाहबाद से आती हैं। उनका अच्छी बैकग्राउंड नहीं रहा है। वो जिस बैकग्राउंड से आती हूं वो बहुत गरीब था। उनके पिता कार्ट फुलर थे और मां घर को संभालती थीं। उनके 2 भाई और 3 बहन भी हैं। Rani Rampal ने गरीबी से संघर्ष करते हुए नई ऊंचाई तक उड़ान भरने तक की कहानी खुद अपनी जुबान से बयां की। उन्होंने अपनी जिंदगी के बारे में बताया कि कैसे एक लड़की ने सपना देखा था और कैसे उस सपने को साकार किया।

रानी रामपाल ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के समिट में अपने संघर्षपूर्ण जीवन की पूरी गाथा सुनाई। रिपब्लिक समिट को संबोधित करते हुए रानी रामपाल ने बताया कि उन्होंने अपने गांव में 7 साल की उम्र से हॉकी खेलना शुरू किया था।  उनके लिए हरियाणा जैसे राज्य से आकर खेलना बड़ा मुश्किल था। वहां बहुत साल पहले लड़कियों को घरों से बाहर नहीं निकाला जाता था और ना ही खेलों में आगे बढ़ाया जाता था। उन्होंने बताया कि परिवार में एक ही कमाने वाला था। ऐसे में और मुश्किल हो जाता है। मेरे पिता की एक दिन की कमाई 80 रुपये हुआ करती थी। काम भी पक्का नहीं था। 

दूसरे टाइम के खाने की गारंटी नहीं थी: रानी रामपाल

रानी रामपाल ने बताया कि उनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। पूरा बचपन गरीबी में बीता। दिन का दूसरा भोजन हमारे लिए गारंटी नहीं था। मां भी काम करती थी और हमारी चिंता करती थी। उन्होंने बताया कि पहले घरवाले मेरे खेल को लेकर राजी नहीं थे। जब मैंने अपने माता-पिता से कहा कि मैं हॉकी खेलना चाहता हूं, तो उन्होंने कहा कि रिश्तेदार क्या कहेंगे। मेरे घरवालों को बोला गया था कि इसे हॉकी मत खिलाओ, ये नाम खराब ही करेगी। एक रिश्तेदार ने "शॉर्ट्स" पहनने और हॉकी खेलने पर भी सवाल खड़े किए। हालांकि बाद में मेरे घरवालों ने मेरा सपोर्ट किया।

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गुजरी जिंदगी को याद कर भावुक हुईं रानी

अपनी गुजरी जिंदगी को याद करते हुए रानी रामपाल ने कई बार भावुक हुईं। उनकी आंखों में आंसू छलक आए थे। खुद को संभालते हुए रानी रामपाल ने अपना आगे का भाषण फिर से शुरू किया। उन्होंने बताया कि हमारा कच्चा घर हुआ करता था। हम प्रार्थना करते थे कि बारिश न हो,क्योंकि बारिश हुई तो पानी हमारे घर में घुस जाएगा। रानी रामपाल ने बताया कि उन्हें परीक्षा के समय बड़ी कठिनाइयां होती थीं। बिजली आउटेज रहता था। मच्छरों का भी कहर था। हम लोग गर्मी या मच्छरों से बचने के लिए दुपट्टे को पानी से भिगो कर ओढ़ते थे। 

मैं जीवन में बहुत व्यावहारिक हूं: रानी रामपाल

स्टार हॉकी खिलाड़ी ने आगे कहा, 'उनका पूरा बचपन प्रतिकूलताओं से भरा हुआ था, पर जिंदगी में एक जुनून रहा कि मुझे कुछ करना है और इस गरीबी से ऊपर उठना है। ये सब इतना सरल नहीं था, जो आज यहां खड़ा होना आसान लगता है। जीवन में बहुत सारी चुनौतियां हैं, पर मैं जीवन में बहुत व्यावहारिक हूं।'

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पिता से मेहनत करना सीखा: रानी रामपाल

रानी रामपाल ने बताया कि उनके पिता कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करते थे। उन्होंने अपने पिता से मेहनत करना सीखा। मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती सुबह 5 बजे उठना थी। पिता सुबह 5 बजे उठ जाते थे, तो हमें भी उठना पड़ता था। मुझे हॉकी के लिए एक मौका चाहिए था, पर 20 साल पहले माता-पिता में असुरक्षा की भावना थी। मैंने कहा कि अगर मैं खुद को साबित नहीं करती तो आप मुझे खेल खेलने से रोक सकते हैं। अब मुझे समझ में आया कि मेरी मां इतनी चिंतित क्यों रहती थी। 

मैंने 15 साल की उम्र में डेब्यू किया: रानी

उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग पर हर बच्चे को 500 ग्राम दूध मिलना होता था, लेकिन हमारे घर में दूध नहीं था।  हम इसे वहन करने की स्थिति में नहीं थे। लेकिन मैं हार स्वीकार नहीं करना चाहती थी। 2011 में मुझे रेलवे में नौकरी मिली। तब मुझे विश्वास मिला और मुझे लगा कि मैं कुछ हासिल कर सकती हूं। रानी रामपाल ने बताया कि जब पहली बार उनका चुनाव हुआ, तब मैं 15 साल की थीं। मैंने 15 साल की उम्र में डेब्यू किया था। मैंने हॉकी वर्ल्ड कप खेला। मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र का खिलाड़ी थी और शीर्ष विरोधियों के खिलाफ खेल रही थी।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 25 April 2023 at 16:48 IST