अपडेटेड 14 May 2024 at 23:23 IST

‘इंपैक्ट प्लेयर’ नियम हटने से आईपीएल में बड़े स्कोर नहीं बनेंगे?, पोंटिंग ने कहा, ऐसा नहीं होगा

दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग का मानना है कि बहुचर्चित ‘इंपेक्ट प्लेयर’ नियम खत्म होने के बाद भी आईपीएल मुकाबलों में बड़े स्कोर बनते रहेंगे।

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IPL प्लेऑफ सेनेरियो पर दिल्ली कैपिटल्स हेड कोच पोंटिंग का बयान | Image: Delhicapitals

DC Coach Ricky Ponting: दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि बहुचर्चित ‘इंपेक्ट प्लेयर’ नियम खत्म होने के बाद भी आईपीएल मुकाबलों में बड़े स्कोर बनते रहेंगे।

इंपेक्ट प्लेयर नियम टीमों को मैच के दौरान किसी भी समय टॉस के दौरान घोषित मूल एकादश में से किसी एक खिलाड़ी को बदलने की अनुमति देता है। इसे लेकर लोगों की राय बंटी हुई है। जैसे कि भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने इसे ऑलराउंडर के लिए नुकसानदायक बताया है क्योंकि उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिलता जबकि सौरव गांगुली जैसे कुछ अन्य इसे अच्छा बता रहे हैं।

तीन बार ऑस्ट्रेलिया की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे पोंटिंग ने सोमवार को यहां दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाजी कोच प्रवीण आमरे की आत्मकथा ‘जीरो फॉर 5: द थ्रिलिंग क्रिकेट जर्नी ऑफ प्रवीण आमरे’ के विमोचन के दौरान कहा, ‘‘इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या इंपेक्ट प्लेयर नियम आईपीएल में बना रहेगा, अगर ऐसा नहीं होता है तो क्या स्कोर फिर से कम बनेंगे? मुझे यह देखने में दिलचस्पी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हां, इंपेक्ट प्लेयर शीर्ष पर मौजूद खिलाड़ी को थोड़ी राहत प्रदान करता है लेकिन मुझे लगता है कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाज क्रीज पर उतरकर एक निश्चित तरीके से खेलने के आदी हैं।’’ पोंटिंग ने समझाया, ‘‘मेरा मतलब है कि जेक फ्रेजर-मैकगर्क को एक अलग तरीके से खेलने के लिए कहने की कोशिश करना या ट्रेविस हेड को थोड़ा रक्षात्मक होने के लिए कहना, ऐसा होने वाला नहीं है।’’

इस साल आईपीएल में अब तक 36 बार 200 या इससे अधिक रन बन चुके हैं जबकि पिछले सत्र में यह आंकड़ा 37 था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने कहा है कि अगर आईपीएल के अंत में हितधारक चाहेंगे तो नियम पर पुनर्विचार किया जा सकता है। पिछले दशक में खेल के विकास के बारे में बात करते हुए पोंटिंग ने कहा कि ‘पांरपरिक तकनीक’ वाले बल्लेबाजों के लिए जगह कम हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड अब जिस तरह से खेलने की कोशिश कर रहा है, उसे देखिए, उन्होंने अभी तक इसे बिल्कुल सही तरीके से नहीं किया है... खिलाड़ी बहुत अधिक वनडे या टी20 क्रिकेट खेलकर आए हैं।’’ पोंटिंग ने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट में अब भी पारंपरिक शैली के बल्लेबाजों के लिए जगह है लेकिन यह कम होती जा रही है।’’ पोंटिंग ने कहा कि भारतीय सुपरस्टार विराट कोहली और इंग्लैंड के जो रूट पारंपरिक तकनीक वाले कुछ शीर्ष बल्लेबाजों में से हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में आधुनिक बल्लेबाजों में बहुत अधिक क्लासिकल तकनीक नहीं है, अब आप सर्वश्रेष्ठ को देखें, जो रूट शायद सबसे पारंपरिक शैली वाला क्रिकेटर है।’’ पोंटिंग ने कहा, ‘‘स्टीव स्मिथ थोड़े अलग रहे हैं, मार्नस लाबुशेन अपने खेलने के तरीके के कारण थोड़े अलग रहे हैं, विराट पारंपरिक और तकनीकी रूप से भी बहुत अच्छे हैं लेकिन मुझे लगता है कि थोड़ा बदलाव आया है।’’

आमरे ने कहा कि उनकी किताब एक अच्छे मार्गदर्शक (मेंटर) के महत्व को रेखांकित करती है। उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘‘जब मैं 2006-07 में पहली बार मुंबई रणजी ट्रॉफी टीम का कोच बना, रणजी सेमीफाइनल में हमने शून्य रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे। शीर्ष पांच बल्लेबाज शून्य पर आउट हो गए थे।’’ आमरे ने कहा, ‘‘लेकिन पूरी टीम को विश्वास था कि वे इस स्थिति से बाहर आ सकते हैं और उन्होंने ऐसा किया। एक कोच के रूप में, मुझे इस पर बहुत गर्व था। उन्होंने वह मैच जीता और फिर चैंपियनशिप भी जीती इसलिए मैंने किताब के लिए वह शीर्षक चुना।’’

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 14 May 2024 at 23:23 IST