अपडेटेड 8 December 2024 at 17:14 IST

कांबली ने नहीं खेली होती ये पारी तो हम नहीं देख पाते 1996 WC में पाक के खिलाफ जडेजा का वो तूफान

1996 में महज 32 रन के स्कोर पर 3 बल्लेबाज जिम्बाब्वे के खिलाफ आउट हो चुके थे। ऐसे में भारत के संकटमोचक की भूमिका में विनोद कांबली बैटिंग करने मैदान में पहुंचे।

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कांबली ने नहीं खेली होती ये पारी तो हम नहीं देख पाते 1996 WC में पाक के खिलाफ जडेजा का वो तूफान | Image: X - @vinodkambli349

Vinod Kambli Memorable Inning in 1996 WC : देश के सभी क्रिकेट प्रेमियों ने 1996 विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ अजय जडेजा की 25 गेंदों पर 45 रनों की पारी जरूर देखी होगी। जिन क्रिकेट प्रेमियों ने नहीं देखी होगी तो उन्होंने उस पारी के बारे में सुना जरूर होगा और यूट्यूब पर जाकर देखी होगी। इस पारी में किस तरह अजय जडेजा वकार यूनुस जैसे खतरनाक गेंदबाज की बखिया उधेड़ते नजर आए थे। भारत इस विश्वकप के क्वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंच पाता अगर विनोद कांबली ने मौके पर जिम्बाब्वे के खिलाफ 106 रनों की शतकीय पारी नहीं खेली होती। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो क्रिकेट प्रेमी पाकिस्तान के खिलाफ अजय जडेजा के उस तूफानी पारी को नहीं देख पाते जो उन्होंने क्वार्टर फाइनल में स्लॉग ओवर्स में खेली थी। इस मुकाबले में अजय जडेजा ने अंतिम ओवरों में शानदार बल्लेबाजी का नजारा पेश करते हुए वकार यूनुस के आखिरी दो ओवरो में 18 और 22 रनों सहित कुल 40 रन बटोरे थे।


1996 विश्वकप में क्वार्टर फाइनल मुकाबले से पहले भारत का मुकाबला जिम्बाब्वे से होना था। अगर भारत ये मुकाबला हार जाता तो वो क्वार्टर फाइनल के लिए डिस्क्वालीफाई भी हो सकता था। भारत के इस मुकाबले से पहले 5 मैचों में 6 प्वाइंट थे वो प्वाइंट टेबल में तीसरे स्थान पर था। 1996 विश्वकप के दौरान ये 29वां मुकाबला था जो कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में 6 मार्च को खेला गया था। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर कुल 247 रन बनाए थे। जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 49.4 ओवरों में कुल 207 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी। इस तरह से भारत ने ये मुकाबला 40 रनों से जीत लिया था और दूसरे क्वार्टर फाइनल मुकाबले के लिए क्वालीफाई कर लिया था।


भारत की खराब शुरुआत, कांबली ने खेली थी शतकीय पारी

इस मुकाबले में जिम्बाब्वे जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीम के खिलाफ भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही। महज 5 रन के स्कोर पर जिम्बाब्वे के युवा गेंदबाज हीथ स्ट्रीक ने भारत से स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को क्लीन बोल्ड कर दिया था। सचिन के आउट होते ही पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया था। सचिन 12 गेंदों पर महज 3 रन ही बना सके थे। अभी स्कोर बोर्ड में महज 20 ही और जुड़े थे कि संजय मांजरेकर लॉक की गेंद पर कप्तान एलिएस्टर कैंपबेल को कैच थमा बैठे। वो 2 रन ही बना सके थे। अब कप्तान अजरुद्दीन बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आए लेकिन वो भी महज 2 रन ही बना सके और ब्रॉयन स्ट्रैंग की गेंद पर कैंपबेल द्वारा लपके गए। अब टीम इंडिया एक अपेक्षाकृत कमजोर प्रतिद्वंद्वी के सामने घुटने टेक चुकी थी। महज 32 रन के स्कोर पर टॉप ऑर्डर के 3 बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। ऐसे में टीम इंडिया के संकटमोचक की भूमिका में विनोद कांबली बैटिंग करने मैदान में पहुंचे। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया और चौथे विकेट की साझेदारी में 142 रन जोड़कर टीम इंडिया को मुकाबले में लौटाया। सिद्धू (80 रन) के आउट होने के बाद कांबली ने अजय जडेजा के साथ मिलकर तेजी से 45 रन जोड़े। इस बीच कांबली ने अपना शतक पूरा किया और 110 गेंदों पर 11 चौकों की मदद से 106 रन बनाकर आउट हुए।


जडेजा बने 'प्लेयर ऑफ द मैच'

विनोद कांबली के आउट होने के बाद अजय जडेजा ने हाथ खोले और तेजी से रन बटोरना शुरू किया। उन्होंने स्लॉग ओवर्स में जिम्बाब्वे के गेंदबाजों की जमकर खबर ली और महज 27 गेंदों  44 रनों की शानदार पारी खेली। अजय जडेजा ने अपनी पारी के दौरान कुल 3 चौके और 2 गगनचुंबी छक्के भी लगाए थे। इतना ही नहीं अजय जडेजा ने इस मुकाबले में गेंदबाजी में भी कमाल किया था। जडेजा ने 7 ओवर में 32 रन देकर 2 विकेट चटकाए थे। इसमें से एलिएस्टर कैंपबेल और क्रेग इवांस का महत्वपूर्ण विकेट था जिसके बाद टीम इंडिया की जीत की राह आसान हो गई थी। इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अजय जडेडा को 'प्लेयर ऑफ द मैच' के पुरस्कार से नवाजा गया था और टीम इंडिया शानदार तरीके से विश्वकप के नॉकआउट दौर में प्रवेश कर गई थी।


क्वार्टर फाइनल में अजय जडेजा का तूफान, वकार के 2 ओवरों में पीट दिए थे 40 रन

अजय जडेजा ने जिम्बाब्वे खिलाफ नाबाद 44 रन बनाए थे। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी पारी ठीक वहीं से शुरू की जहां से जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद लौटे थे। पाकिस्तान के खिलाफ जब अजय जडेजा मैदान पर आए तब टीम इंडिया का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर 200 रन था। कप्तान अजरुद्दीन तेजी से 22 गेंदों पर 27 रन बनाकर वकार यूनुस का शिकार बने थे। अब अजय जडेजा ने कमान संभाली और शुरुआत में तो संभलकर लेकिन अंतिम 3 ओवरो में उन्होंने तूफानी पारी खेली थी। जडेजा की इस पारी का हर क्रिकेट प्रेमी मुरीद रहा है। जडेजा ने कुंबले के साथ मिलकर वकार यूनुस के आखिरी दो ओवरो में 40 रन पीट दिए थे। वकार यूनुस का गेंदबाजी विश्लेषण अंतिम स्पेल से पहले था 8 ओवर एक मेडन 27 रन और एक विकेट और जब उनका 10वां ओवर खत्म हुआ तब उनकी गेंदबाजी का विश्वेषण था 10 ओवर एक मेडन 67 रन और 2 विकेट। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी क्रूरतम बल्लेबाजी उस समय जडेजा ने की थी। वकार यूनुस उस समय के टॉप के तेज गेंदबाज हुआ करते थे और वो अपने चरम पर थे। 

 

वायरल वीडियो से सुर्खियों में आए विनोद कांबली

वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा था कि जब सचिन कांबली से मिलने पहुंचे तो पहले तो कांबली ने उन्हें काफी देर बाद पहचाना और फिर बाद में जब सचिन ने कांबली का हाल चाल जान लिया तो वापस वो अपनी सीट पर चले गए। हालांकि इस दौरान कांबली काफी मायूस दिखाई दिए और सचिन के जाने के बाद वो दुखी हो गए थे। वायरल वीडियो में ये साफ तौर पर देखा जा सकता था कि कार्यक्रम के आयोजक जब सचिन तेंदुलकर को वापस उनकी सीट पर ले जाने लगे तो कांबली काफी दुखी हो गए थे। इस दौरान वहां पर विनोद कांबली का निराश होना सबको दिखाई दे रहा था। सचिन तेंदुलकर इस कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे थे इसलिए आयोजकों ने उनका सीटिंग अरेंजमेंट कांबली से अलग कर रखा था। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे थे।

 

सुनील गावस्कर और बलविंदर सिंह भी कांबली की मदद को तैयार

अभी हाल में ही मुंबई में सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर की याद में एक समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली भी पहुंचे थे। इस दौरान बचपन के दोस्त कांबली से मिलने के लिए सचिनन पहुंचे थे। जब सचिन जाने लगे तो कांबली निराश हो गए ये निराशा वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखी जा सकती है। कांबली बीमारियों की वजह से काफी कमजोर हो गए हैं और खुद से चल फिर भी नहीं पा रहे हैं। ऐसे में 1983 विश्वकप के विजेता कपिल देव और उनके साथी खिलाड़ी सुनील गावस्कर और बलविंदर सिंह भी विनोद कांबली की मदद के लिए आगे आए हैं। कांबली को शराब की लत और कई बीमारियों ने काफी कमजोर कर दिया है। कांबली के पास उचित इलाज करवाने के लिए पैसे भी नहीं हैं। सुनील गावस्कर इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में मौजूद हैं, जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इस दौरान स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत करते हुए गावस्कर ने कहा, 'मुझे मदद शब्द पसंद है और 1983 की विश्व कप विजेता टीम युवा खिलाड़ियों को लेकर भी काफी सचेत है उनमें से कुछ मेरे बेटे जैसे हैं। हम सभी बहुत चिंतित रहते हैं खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जिनका किस्मत साथ छोड़ देती है।'


ऐसा रहा विनोद कांबली का क्रिकेट करियर

अगर विनोद कांबली के क्रिकेट करियर की बात की जाए तो लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज ने देश के लिए कुल 17 टेस्ट का प्रतिनिधित्व किया है जिसमें उन्होंने कुल 1084 रन बनाए थे। इसमें 2 दोहरे शतक सहित 4 शतक और 3 अर्धशतक शामिल थे। वहीं एकदिवसीय मुकाबलों की बात की जाए तो विनोद कांबली ने कुल 104 वनडे इंटरनेशनल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इस दौरान विनोद कांबली ने कुल 2477 रन बनाए। उन्होंने वनडे करियर में कुल 2 शतक और 14 अर्द्धशतक लगाए थे। इस वीडियो में जब कांबली और सचिन तेंदुलकर की मुलाकात हुई तो ऐसा लग रहा है कि वो अपने बालसखा कांबली की मदद के लिए जरूर आगे आएंगे।
 

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 8 December 2024 at 17:14 IST