अपडेटेड 30 June 2024 at 18:15 IST

बीयर नहीं मिट्टी का चखा स्वाद; ट्रॉफी पर पैर नहीं सीने से लगाया, रोहित शर्मा ने हर अंदाज से जीता दिल

रोहित शर्मा ने जिस ट्रॉफी का इंतजार 17 सालों तक किया, मिलने के बाद सबसे पहले उसे गले से लगाया और जिस मैदान पर उन्होंने जीत हासिल की उसकी मिट्टी का स्वाद चखा।

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Mitchell Marsh and Rohit Sharma | Image: X

Rohit Sharma: आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसको भारतीय टीम के साथ-साथ करोड़ों भारतवासियों को बेसब्री से इंतजार था। टीम इंडिया ने 17 साल का टी20 वर्ल्ड का सूखा खत्म करते हुए विश्व विजेता का खिताब अपने नाम किया। टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद से हर भारतीय की आंखों में आंसू थे। जाहिर है ये आंसू खुशी के थे, इंतजार के थे, सब्र के थे...

टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा जीत के बाद अपनी खुशी रोक नहीं पाए और पिच पर ही गिर कर रोने लगे। रोहित ने पहले पिच पर कई बार अपना खुशई में हाथ पटका इसके बाद उनके आंसू का बांध टूट गया। रोहित शर्मा ने जिस ट्रॉफी का इंतजार 17 सालों तक किया, मिलने के बाद रोहित ने सबसे पहले उसे गले से लगाया और जिस मैदान पर उन्होंने जीत हासिल की उसकी मिट्टी का स्वाद चखा।

रोहित शर्मा ने टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी को गले से लगाए रखा 

रोहित शर्मा की इन हरकतों ने टी20 वर्ल्ड कप के दौरान कई शानदार पारियां खेली। हालांकि टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में उनका बल्ला कुछ खास कमाल नहीं कर पाया। लेकिन रोहित शर्मा की कप्तानी ने टीम इंडिया ने इतिहास में सुनहरे पन्नों में एक पन्ना जोड़ दिया।

टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद से सोशल मीडिया पर रोहित शर्मा और ऑस्ट्रेलिया के टी20 कप्तान मिशेल मार्श की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। मिशेल मार्श जिन्होंने पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को हराकर वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर अपने पैर रखकर एक हाथ में बीयर लेकर फोटो खिंचवाई थी। वहीं टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने हर अंदाज में दिखाया कि ट्रॉफी जीतने का मतलब क्या होता है, ट्रॉफी की इज्जत क्या होती है। उन्होंने ट्रॉफी को पैर के नीचे नहीं, दिल के पास रखा।

अब जब भारत चैंपियन बना है तो रोहित शर्मा ट्रॉफी को किसी बच्चे की तरह सीने से लगाए घूमते नजर आए। अर्जेंटीना जब फुटबॉल विश्व कप विजेता बनी थी तो महान लियोनेल मेसी रातभर ट्रॉफी से बच्चे की तरह चिपके सोते रहे थे। महान सचिन जब विश्व विजेता बने तो किसी बच्चे की तरह रो पड़े थे। यह प्यार था। यह वह स्नेह था, जो लंबे संघर्ष के बाद उपजा था। ऐतिहासिक जीत की झलक थी। उस ट्रॉफी के प्रति सम्मान था, जिसे दिखाने जताने का शायद इससे बेहतर कोई तरीका नहीं हो सकता था। अब रोहित हैं। उन्होंने मेसी के अंदाज में ट्रॉफी उठाई तो नोवाक जोकोविच की तरह घास खाकर उस पिच को सम्मान दिया, जो ऐतिहासिक जीत की गवाह बनी।

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 30 June 2024 at 15:48 IST