अपडेटेड 21 July 2024 at 23:23 IST

शुरुआत में लाल गेंद की क्रिकेट पर ही ध्यान दें खिलाड़ी : नौशाद खान

भारतीय बल्लेबाज सरफराज खान और आलराउंडर मुशीर खान के पिता और कोच नौशाद खान ने युवा खिलाड़ियों को बताई टेस्ट क्रिकेट की अहमियत।

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Naushad khan | Image: X

Cricket News: भारतीय बल्लेबाज सरफराज खान और उभरते हुए आलराउंडर मुशीर खान के पिता और कोच नौशाद खान ने युवा खिलाड़ियों को 15 साल की उम्र तक लाल गेंद से क्रिकेट यानी लंबी अवधि के प्रारूप पर ध्यान देने की जरूरत बताते हुए कहा कि अपने खेल की बुनियाद मजबूत करने के लिये ऐसा करना बेहद जरूरी है।

लखनऊ स्थित एक क्रिकेट एकेडमी में उभरते हुए खिलाड़ियों को गुर सिखाने आये खान ने रविवार को 'पीटीआई—भाषा' से बातचीत में कहा कि फटाफट क्रिकेट के इस दौर में भी शुरुआत हमेशा लाल गेंद से ही होनी चाहिये। खासकर 15 साल तक की उम्र तक खिलाड़ियों को लाल गेंद से खेलने पर ही ध्यान लगाना चाहिये।

उन्होंने कहा, ''शुरू में लाल गेंद से खेलने में फायदा ही फायदा है, वरना नुकसान ही नुकसान है। पहले टेस्ट क्रिकेट पर ही फोकस किया जाए। उसके बाद ही वनडे और टी20 खिलाया जाए। लाल गेंद से खेलने से खिलाड़ी के 'बेसिक्स' मजबूत होते हैं और वह तकनीकी तथा मानसिक रूप से भी सशक्त हो जाता है। लिहाजा 15 साल की उम्र तक खिलाड़ियों की बुनियाद को मजबूत करने पर ही ध्यान देना चाहिये। ''

इस साल फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रंखला में अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत करने वाले प्रतिभाशाली बल्लेबाज सरफराज खान के पिता और कोच ने कहा कि वनडे और टी20 अगर सोना और चांदी हैं तो टेस्ट क्रिकेट हीरा है। हार में हीरा लगने से उसकी खूबसूरती बढ़ती है। खान ने कहा कि उन्होंने अपने बेटों सरफराज और मुशीर को ज्यादातर लाल गेंद से ही अभ्यास कराया है। उससे यह फायदा हुआ कि मुशीर ने पिछले अंडर—19 विश्वकप टूर्नामेंट में दो शतक लगाये। सरफराज ने भी आईपीएल में कई तेज पारियां खेलीं।

खान ने कहा कि लाल गेंद की क्रिकेट लम्बे सत्र तक गेंदबाजी और बल्लेबाजी करनी होती है। उससे खिलाड़ी की क्षमता निखरती है। टेस्ट क्रिकेट में पिच का व्यवहार रोजाना बदलता है। ऐसे में खिलाड़ी में खुद को परिस्थितियों में ढालने की बेहतर क्षमता विकसित होती है। इस क्षमता से ही कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लम्बी पारी खेल सकता है। खान ने कहा, ''बीसीसीआई ने भी अपना कार्यक्रम इसी तरह से बनाया है। आप देखिये उसने भी अंडर—16 तक टी—20 या वन डे का कोई भी प्रारूप नहीं रखा है। कौन सा काम कहां कब कैसे किया जाता है, यह सलीका हो तो और काम हो जाता है।''

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में क्रिकेट प्रतिभाओं की खान है। यह इतना बड़ा राज्य है कि यहां कई टीमें बनायी जा सकती हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यूपीसीए द्वारा यूपी टी—20 लीग की शुरुआत किया जाना एक बहुत अच्छा अवसर है और इससे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के बेहतर अवसर मिलेंगे। इससे पहले, नौशाद खान ने एकेडमी के बच्चों को क्रिकेट की बारीकियां सिखायी और उन्हें अपनी तकनीक और फिटनेस पर ज्यादा से ज्यादा देने की सलाह दी। इस मौके पर स्पोर्ट्स मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर सरनजीत सिंह ने एकेडमी के बच्चों को शारीरिक और मानसिक फिटनेस के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि खेल के बारे में ज्यादा से ज्यादा सीखने पर ध्यान देकर एक बेहतर खिलाड़ी बनने में मदद मिल सकती है।

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 21 July 2024 at 23:23 IST