अपडेटेड 19 January 2025 at 16:50 IST
खेल रत्न मिलने के बाद मनु भाकर को लगा बड़ा सदमा, सड़क हादसे में हुई नानी-मामा की मौत, नातिन के लिए क्या थे आखिरी शब्द?
पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मनु भाकर की नानी और मामा की मौत एक सड़क हादसे के दौरान हो गई। क्या थे मनु भाकर के लिए नानी के आखिरी शब्द?
Manu Bhaker: भारत की ओर से शूटिंग में पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मनु भाकर को उस वक्त बड़ा सदमा लगा होगा जब उन्होंने अपनी नानी और मामा की मौत की खबर सुनी होगी। मनु भाकर के मामा और नानी की मौत सड़क हादसे के दौरान हो गई। ये रोड एक्सीडेंट महेंद्रगढ़ बाईपास पर चरखी दादरी रोड पर हुआ।
कुछ दिन पहले ही मनु भाकर को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मनु भाकर की इस उपलब्धि पर उनकी नानी सावित्री देवी बहुत खुश थीं और उन्होंने अपनी नातिन के लिए बहुत ही प्यारा संदेश दिया था। क्या थे मनु भाकर की नानी के अपनी नातिन के लिए आखिरी शब्द आइए जानते हैं-
मनु के लिए नानी के क्या थे आखिरी शब्द?
मनु को खेल रत्न पुरस्कार मिलने पर उनकी नानी ने मीडिया से बात करे हुए कहा था कि, 'वह बहुत अच्छी तरह खेलती है। पूरे भारत में उसका नाम हो गया है। उनके लिए सब रिश्तेदार खुश हैं। मेरी बेटी आगे बढ़े और खूब नाम कमाए। सरकार द्वारा खेल रत्न दिया गया है उससे हम बहुत खुश हैं। मेरे पास आती है तो वह मक्खन और लाल मिर्च की चटनी चाव से खाती हैं। मेरी कोई पोती नहीं हैं उसके दो मामा और दो मामी हैं और उनके बच्चे हैं। हम अपनी बेटी के लिए बहुत खुश हैं।'
कैसे हुआ ये हादसा?
बताया जा रहा है कि मनु भाकर के मामा और नानी एक स्कूटर पर सवार थे। तभी तेज रफ्तार से आ रही ब्रेजा गाड़ी ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मौके पर भी दोनों की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक कार ड्राइवर हादसे के बाद फरार हो गया है। 17 जनवरी को ही मनु भाकर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया गया था और 19 जनवरी की सुबह मनु की नानी और मामा के साथ ये दुखद हादसा हो गया।
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में रचा था इतिहास
स्टार शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ब्रॉन्ज जीता और फिर मिक्स्ड इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ भी कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। वो एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली आजाद भारत की पहली भारतीय बनी।
Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 19 January 2025 at 16:50 IST