अपडेटेड 3 November 2025 at 00:02 IST

'वीमेन इन ब्लू' के रूप में दुनिया को एक नया विश्व चैंपियन मिल गया, जानें क्यों ये जीत है ऐतिहासिक ?

2025 विश्व कप की जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए 'फाइनल फ्रंटियर' को पार करने जैसा है। यह एक विजय है जो रिकॉर्ड, सम्मान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का एक बेजोड़ मिश्रण है।

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Indian women cricket team | Image: BCCI

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2025 आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप जीत लिया है,यह जीत केवल एक खेल की उपलब्धि नहीं , बल्कि भारतीय क्रिकेट और देश में लैंगिक समानता के प्रतीक के रूप में एक युगांतरकारी घटना है। दो बार (2005 और 2017) फाइनल में निराशा झेलने के बाद, यह जीत भारत के लिए 'तीसरी बार भाग्यशाली' होने की कहानी है। आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए न केवल घरेलू मैदान पर खेलने का मौका था, बल्कि यह उनके दृढ़ संकल्प की कहानी भी बन गया। कप्तान हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में टीम ने एक रोलर-कोस्टर जैसा सफर तय किया और तीसरी बार फाइनल में पहुंच जीत हासिल की।

1. यह जीत क्यों ऐतिहासिक है?

यह भारतीय महिला क्रिकेट टीम का 50 ओवर के फॉरमेट में पहला विश्व कप खिताब है, जो भारत के क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। चूंकि टूर्नामेंट भारत में आयोजित हुआ है, इसलिए घरेलू दर्शकों के सामने विश्व कप उठाना, इस जीत के महत्व को कई गुना बढ़ा देता है। 2017 के फाइनल में लॉर्ड्स में इंग्लैंड से मिली दिल तोड़ने वाली हार का दर्द इस जीत से हमेशा के लिए मिट गया है। यह मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसे दिग्गजों द्वारा रखी गई नींव पर एक भव्य शिखर है। यह पहला महिला विश्व कप फाइनल था जिसमें न तो ऑस्ट्रेलिया और न ही इंग्लैंड शामिल हुए, जिसका अर्थ है कि दुनिया को एक नया विश्व चैंपियन मिल गया है।

2. रोलर-कोस्टर सफर का शानदार अंत

लीग स्टेज में स्मृति मंधाना का उत्कृष्ट प्रदर्शन (एक संस्करण में सर्वाधिक भारतीय रन)। टीम का लचीलापन, खासकर तीन लगातार हार के बाद वापसी करना। टूर्नामेंट में भारतीय टीम का सफर मिला-जुला रहा, जो यह दर्शाता है कि टीम ने दबाव में कैसी प्रतिक्रिया दी। भारत ने श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत शानदार तरीके से की। शुरुआती जीत ने टीम को आत्मविश्वास दिया। हालांकि, टीम को बीच में तीन लगातार हार का सामना करना पड़ा, जिसमें लीग स्टेज में दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से मिली हार शामिल थी। इन हारों ने टीम के अभियान को एक गंभीर मोड़ पर ला खड़ा किया। इंग्लैंड के खिलाफ, भारत एक समय जीत की मजबूत स्थिति में था लेकिन मध्यक्रम के ढहने से मैच गंवा बैठा।

मुश्किल दौर से गुजरने के बाद, भारत ने न्यूजीलैंड को बड़े अंतर से हराकर वापसी की, जहां स्मृति मंधाना और प्रतीका रावल ने शतक जड़े और टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया। स्मृति मंधाना ने इस टूर्नामेंट में एक भारतीय द्वारा एक ही विश्व कप एडिशन में सर्वाधिक रन (434 रन) बनाने का रिकॉर्ड भी बनाया।

सेमीफाइनल में 339 रन का रिकॉर्ड-ब्रेकिंग चेज बनाम ऑस्ट्रेलिया। जेमिमा रोड्रिग्स (127*) और हरमनप्रीत कौर (89)। महिला वनडे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज। इसने साबित किया कि टीम किसी भी लक्ष्य का पीछा कर सकती है। इस जीत को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर मिली रिकॉर्ड-ब्रेकिंग जीत के कारण हमेशा याद रखा जाएगा।

टूर्नामेंट का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक पल सेमीफाइनल में आया, जहां भारत का सामना एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया से हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 338 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह लक्ष्य नॉकआउट मुकाबले में लगभग असंभव माना जा रहा था। भारतीय बल्लेबाजों ने अविश्वसनीय दृढ़ता दिखाई और 339 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए इतिहास रच दिया। यह न केवल महिला विश्व कप के नॉकआउट मैच में, बल्कि महिला वनडे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज था।

इस ऐतिहासिक जीत की नायक थीं जेमिमा रोड्रिग्स, जिन्होंने 127 रनों की नाबाद पारी खेली, और कप्तान हरमनप्रीत कौर, जिन्होंने 89 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर उनका बखूबी साथ दिया। हरमनप्रीत इस दौरान विश्व कप नॉकआउट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी (331 रन) भी बन गईं।

ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने तीसरी बार विश्व कप फाइनल में प्रवेश किया, जहां उनका सामना पहली बार फाइनल में पहुंचे दक्षिण अफ्रीका से हुआ। डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई में खेले गए फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज शैफाली वर्मा (87 रन) और दीप्ति शर्मा (58 रन) ने शानदार प्रदर्शन किया। फाइनल में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा की निर्णायक पारियां, गेंदबाजों का एकजुट प्रदर्शन। दबाव में प्रदर्शन किया और 'चोकर्स' के टैग को हमेशा के लिए हटा दिया है।

3. महिला क्रिकेट पर दूरगामी प्रभाव

यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के परिदृश्य को स्थायी रूप से बदल देगी। वीमेन प्रीमियर लीग (WPL) के आने के बाद, विश्व कप जीत इस लीग को और अधिक विश्वसनीयता और स्टार पावर देगी, जिससे अधिक निवेश और प्रायोजन आकर्षित होंगे। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्स और दीप्ति शर्मा जैसी खिलाड़ी रातोंरात राष्ट्रीय आइकॉन बन गई हैं, जो देश भर की लाखों युवा लड़कियों को क्रिकेट को एक करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी।

यह जीत बीसीसीआई पर महिला खिलाड़ियों के लिए पुरुष खिलाड़ियों के बराबर पुरस्कार राशि और अनुबंध सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ाएगी, जैसा कि पहले ही कुछ पहलों में देखा जा चुका है। महिला क्रिकेट के लिए बेहतर कोचिंग, प्रशिक्षण सुविधाएं और ग्रासरूट स्तर पर प्रतिभा की पहचान कार्यक्रमों में सरकारी और कॉर्पोरेट निवेश बढ़ेगा।

4. राष्ट्रीय गौरव और पहचान

पुरुषों के 1983 या 2011 विश्व कप की जीत की तरह ही, यह जीत पूरे देश में खुशी, एकता और गर्व का एक बड़ा उत्सव बनेगी। यह जीत समाज में इस पुरानी रूढ़िवादिता को तोड़ेगी कि क्रिकेट केवल पुरुषों का खेल है, और यह साबित करेगी कि भारतीय महिलाएं भी विश्व मंच पर शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता रखती हैं। 

2025 विश्व कप की जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए 'फाइनल फ्रंटियर' को पार करने जैसा है। यह एक विजय है जो रिकॉर्ड, सम्मान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का एक बेजोड़ मिश्रण है।

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Published By : Subodh Gargya

पब्लिश्ड 3 November 2025 at 00:02 IST