अपडेटेड 24 April 2025 at 15:34 IST
Happy Birthday Sachin Tendulkar: थर्ड अंपायर का पहला शिकार बने थे ‘क्रिकेट के भगवान’, फैन्स की जेहन में आज भी ताजा हैं यादें
साल 1992 ही वो समय था जब पहली बार क्रिकेट जगत में थर्ड अंपायर की नियुक्ति हुई और इसके सबसे पहले शिकार बने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर।
Sachin Tendulkar First Target of Third Umpire: आज 24 अप्रैल है क्रिकेट जगत में 24 अप्रैल का विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का जन्म हुआ था। साल 1973 में 24 अप्रैल के दिन सचिन का जन्म हुआ था तब शायद कोई नहीं जानता था कि आने वाले सालों में ये खिलाड़ी विश्वक्रिकेट में अपने नाम का पताका फहराएगा। आज सचिन तेंदुलकर के जन्मदिन के मौके पर हम आपको सचिन तेंदुलकर के एक खास रिकॉर्ड के बारे में बताएंगे जो कि आजीवन अजेय रहेगा। जी हां वो रिकॉर्ड है क्रिकेट जगत में थर्ड अंपायर का पहला शिकार। ये सचिन तेंदुलकर ही थे जो थर्ड अंपायर का पहला शिकार बने थे। वैसे तो सचिन ने क्रिकेट जगत में इतने रिकॉर्ड बनाए हैं जिन्हें गिन पाना भी मुश्किल लगता है। लेकिन ये अनचाहा रिकॉर्ड भी सचिन के खाते में गया है।
क्रिकेट के मौजूदा दौर में टेक्नोलॉजी काफी बदल गई है। इस समय इन तकनीकियों के बिना क्रिकेट का खेल संभव नहीं हो पाएगा। क्रिकेट जगत में एक समय ऐसा भी था जब क्रिकेट खिलाड़ी गलत निर्णयों का शिकार हो जाया करते थे। वैसे तो इस खेल में मैदान में तैनात दो अंपायरों का निर्णय ही सर्वमान्य होता है लेकिन कई बार उनसे भी गलतियां हो जाती हैं या फिर वो कन्फ्यूज हो जाते हैं कि इस अपील पर क्या निर्णय दें? तो ऐसी समस्या से निपटने के लिए थर्ड अंपायर की तैनाती की गई। साल 1992 ही वो समय था जब पहली बार क्रिकेट जगत में थर्ड अंपायर की नियुक्ति हुई और इसके सबसे पहले शिकार बने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर।
क्रिकेट के भगवान ने बना दिया अनचाहा रिकॉर्ड जो कभी नहीं टूटेगा
कहावत है कि रिकॉर्ड बनते ही टूटने के लिए लेकिन क्रिकेट के भगवान ने कुछ ऐसे रिकॉर्ड बना दिए हैं जो शायद कभी न टूटें इन्हीं अनचाहे रिकॉर्ड्स में ये रिकॉर्ड भी शामिल है कि थर्ड अंपायर का सबसे पहला शिकार सचिन तेंदुलकर बने थे। थर्ड अंपायर की नियुक्ति के बाद अब क्रिकेट के मैदान में होने वाले फैसलों में पारदर्शिता भी दिखाई देने लगी थी। साल 1992 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच चल रहा था और इस मैच में थर्ड अंपायर की नियुक्ति हो चुकी थी। इस टूर्नामेंट में थर्ड अंपायर का सबसे पहला शिकार बने थे सचिन तेंदुलकर। सचिन को आउट देने वाले अंपायर कार्ल लिबेनबर्ग थे। यह क्रिकेट में खेल में आने वाला बहुत ही क्रांतिकारी परिवर्तन था क्योंकि ये पहला मौका था जब किसी बल्लेबाज को तकनीक के जरिए आउट करार दिया गया था।
14 नवंबर 1992 के दिन सचिन ने रन आउट होकर रचा इतिहास
14 नवंबर 1992 भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर गई थी। पहला टेस्ट किंग्समीड के डरबन मैदान पर खेला जा रहा था। भारत शुरुआत झटकों की वजह से दबाव में था तभी सचिन तेंदुलकर 11 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे। इसी दौरान सचिन ने तेजी से एक सिंगल चुराने की कोशिश की और वो रन आउट हो गए। इस फैसले को मैदानी अंपायरों ने थर्ड अंपायर को दे दिया। बाद में पता चला कि गेंद के विकेट में लगने तक सचिन तेंदुलकर क्रीज में नहीं पहुंचे थे और थर्ड अंपायर ने उन्हें आउट करार दे दिया था। इस तरह से सचिन थर्ड अंपायर द्वारा आउट दिए जाने वाले पहले क्रिकेटर बने।
दक्षिण अफ्रीका के डरबन में खेला गया टेस्ट मैच ड्रा रहा
ये मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के किंग्समीड के डरबन मैदान में खेला गया था। भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थी और इस मुकाबले से पहले भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। कपिल देव की शानदार गेंदबाजी के आगे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज ढेर हो गए और पहली पारी में महज 254 पर मेजबान टीम ढेर हो गई। कप्तान कैपिलर वेसेल्स ने सबसे ज्यादा 118 रन बनाए। इसके बाद भारतीय टीम की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही ब्रायन मैकमिलन और ब्रेट शुल्ट्ज ने भारतीय बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी और टीम इंडिया महज 38 रनों पर 4 विकेट गवां दिए लेकिन इस पारी में प्रवीण आमरे ने भारत की ओर से जुझारू प्रदर्शन करते हुए शतक लगाया और टीम का स्कोर 277 तक पहुंचा दिया। हालांकि ये टेस्ट ड्रा रहा लेकिन प्रवीण आमरे को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 24 April 2025 at 15:34 IST