अपडेटेड 22 October 2025 at 18:10 IST

टीम इंडिया में नहीं हुआ सरफराज खान का सलेक्शन तो भड़कीं शमा मोहम्मद, नजर आने लगा 'मुस्‍लिम कनेक्शन', बोलीं- 'सरनेम के चलते...

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट चयन पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बल्लेबाज सरफराज खान को टीम इंडिया में जगह न मिलने के पीछे उनका सरनेम कारण है?

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टीम इंडिया में नहीं हुआ सरफराज खान का सलेक्शन तो भड़कीं शमा मोहम्मद, नजर आने लगा 'मुस्‍लिम कनेक्शन', बोलीं- 'सरनेम के चलते... | Image: Instagram

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट चयन पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बल्लेबाज सरफराज खान को टीम इंडिया में जगह न मिलने के पीछे उनका सरनेम कारण है? इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर बहस को हवा दे दी है। शमा मोहम्मद ने अपनी पोस्ट में लिखा, “क्या सरफराज को उनके सरनेम की वजह से नजरअंदाज किया गया? बस पूछ रही हूं।” उनके इस सवाल में मौजूद धार्मिक संकेतों पर ऑनलाइन यूजर्स और राजनीतिक दलों के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

कई यूजर्स ने उनके समर्थन में कहा कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता है, जबकि विपक्षियों ने इसे “धर्म की राजनीति” करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “जब आंकड़ों में जवाब नहीं मिलता, तब सरनेम को मुद्दा बना लिया जाता है।” क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि सरफराज का चयन पूरी तरह उनके प्रदर्शन पर निर्भर है। विशेषज्ञों के मुताबिक, रणजी ट्रॉफी और हालिया घरेलू सीज़न में उनकी फॉर्म उम्मीद के अनुरूप नहीं रही है। चयनकर्ताओं ने इसी वजह से फिलहाल उन्हें मौका नहीं दिया।

भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने की निंदा

दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने शमा मोहम्मद के बयान की निंदा करते हुए कहा कि खेल को धर्म के चश्मे से देखना गलत है। भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने लिखा, “हर स्कोरबोर्ड में धर्म को मत घसीटो। यह क्रिकेट है, कांग्रेस का घोषणापत्र नहीं। हमारे लिए हर खिलाड़ी भारतीय है, न कि किसी धर्म का प्रतिनिधि।”

ओवैसी भी उठा चुके हैं सवाल

इस विवाद में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी पहले ही आवाज उठा चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि भारतीय क्रिकेट में मुस्लिम खिलाड़ियों की हिस्सेदारी घट रही है और कभी-कभी प्रदर्शन के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया जाता है। आपको बता दें कि पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों को विभाजित किया है, बल्कि इसने खेल और राजनीति की सीमाओं को लेकर नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदर्शन, आंकड़े और निरंतरता पर ध्यान देना ही सबसे बड़ा चयन मानदंड होना चाहिए ना कि किसी खिलाड़ी की पृष्ठभूमि या नाम।

गौरतलब है कि सरफराज खान ने पिछले साल फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू किया था। उन्होंने लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने अब तक छह टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 37.10 की औसत से 371 रन बनाए हैं। इसमें एक शतक और तीन हाफ सेंचुरी शामिल है। उनका बेस्ट स्कोर 150 रन है। इसके अलावा, उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 56 मैचों में 65.19 के औसत से 2467 रन बनाए हैं, जिसमें 16 शतक और 15 हाफसेंचुरी शामिल हैं।

अतुल वासन ने शमा मोहम्मद को दिया करारा जवाब

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अतुल वासन ने सांप्रदायिक आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें "बेतुका" बताया और कहा कि धर्म का कार्ड खेलना "अनुचित" है। अतुल वासन ने कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद है, मैं मानता हूं कि सरफराज को वह सम्मान और मौके नहीं दिए गए जिसके वह हकदार हैं। लेकिन कांग्रेस के आरोप बेतुके हैं। भारतीय क्रिकेट में ऐसा कभी नहीं हुआ। हम बार-बार धर्म का कार्ड खेलते हुए सुनते हैं, यहां तक कि अजहर के समय में भी। मुझे नहीं लगता कि यह किसी धार्मिक पहलू की वजह से है।”

शमा मोहम्मद ने रोहित शर्मा को बताया था मोटा

इससे पहले इस साल कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद को रोहित शर्मा पर अपनी टिप्पणियों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। तब उन्होंने उन्हें 'एक खिलाड़ी के लिए मोटा' और भारत के इतिहास में 'सबसे कम प्रभावशाली' कप्तान कहा था। बाद में उन्होंने सफाई दी थी।

कौन हैं शमा मोहम्मद?

शमा मोहम्मद मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं। वह पेशे से डेंटिस्ट हैं। उन्हें 2018 में पहली बार कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। शमा अकसर अपने बयान और पोस्ट के जरिए सुर्खियों में बनी रहती हैं। 2019 में शमा मोहम्मद तब सुर्खियों में आई थीं, जब लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस के टिकट वितरण पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जब संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया है, ऐसे समय में कांग्रेस को केरल में ज्यादा महिलाओं को टिकट देना चाहिए था, लेकिन पार्टी ने पिछली बार (2) की तुलना में इस बार केवल एक ही महिला को टिकट दिया है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 22 October 2025 at 18:10 IST