अपडेटेड 24 January 2025 at 10:07 IST
Bengal: 10वीं के छात्र अंकित चटर्जी ने रणजी ट्रॉफी तोड़ा सौरव गांगुली का रिकॉर्ड, शानदार कवर ड्राइव से दिलाई 'दादा' की याद
अंकित को मैच से दो दिन पहले अपने पदार्पण के बारे में पता चला जब स्थापित सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण मुकाबले से बाहर हो गए।
अंकित चटर्जी ने बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी के अपने पदार्पण मैच में हरियाणा के अनुभवी तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज के खिलाफ शानदार कवर ड्राइव लगाकर अपना खाता खोला तो इससे पूर्व दिग्गज सौरव गांगुली की यादें ताजा हो गईं क्योंकि यह किशोर वामहस्त बल्लेबाज भारत के पूर्व कप्तान को पछाड़कर इस राज्य के लिए रणजी खेलने वाला सबसे युवा खिलाड़ी बन गया। अंकित ने 15 साल और 361 दिन की उम्र में रणजी पदार्पण किया जबकि गांगुली ने 17 साल की उम्र में बंगाल के लिए अपना पहला मैच 1989-90 में खेला था। यह मैच रणजी ट्रॉफी का फाइनल था जिसमें बंगाल ने दिल्ली को शिकस्त दी थी।
बनगांव हाई स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र अंकित की इस पल तक की यात्रा बलिदान और अथक समर्पण से भरी रही है। वह कोलकाता मैदान पहुंचने के लिए वह पिछले तीन साल से लगभग हर रोज सुबह साढ़े तीन बजे उठ रहे हैं और 4:25 बजे की बोंगांव-सियालदह लोकल ट्रेन से दो घंटे की यात्रा के बाद आधे घंटे पैदल चलकर कोलकाता मैदान पहुंचते थे। उनकी दिनचर्या रात के नौ या 10 बजे खत्म होती है।
इस वजह से अंकित को मिला सुनहरा अवसर
अंकित को मैच से दो दिन पहले अपने पदार्पण के बारे में पता चला जब स्थापित सलामी बल्लेबाज और भारत ए क्रिकेटर अभिमन्यु ईश्वरन हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण मुकाबले से बाहर हो गए। अंकित ने हालांकि घबराने की जगह इस मौके को धैर्य के साथ स्वीकार किया जो उनके बचपन के कोच डोलोन गोल्डर के अनुसार उनका 'ट्रेडमार्क' गुण रहा है।
मैच के बाद खोला अपने सिग्नेचर शॉट का राज
अंकित ने कल्याणी में मैच के बाद अपने 'सिग्नेचर शॉट' (कवर ड्राइव) के बारे में कहा, 'यह मेरे लिए बिल्कुल सामान्य था और कल रात मुझे अच्छी नींद भी आई। मैं आक्रामक होने के बारे में नहीं सोच रहा था लेकिन गेंद उस शॉट के लायक थी, इसलिए मैंने ऐसा किया।' दिन का खेल खत्म होते समय बंगाल का स्कोर 10 रन पर एक विकेट था और अंकित पांच रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 24 January 2025 at 10:07 IST