अपडेटेड 17 May 2024 at 21:57 IST

डोप टेस्ट में फेल होने पर खिलाड़ियों की तरह कोच भी मिलेगी सजा, ओलंपिक से पहले AFI का बड़ा ऐलान

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाले 2024 ओलंपिक खेलों से पहले भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन ने बड़ा ऐलान किया है। ये फैसला डोप टेस्ट को लेकर लिया गया है।

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AFI ने डोप टेस्ट में फेल होने पर खिलाड़ियों के समान कोच को भी सजा देने की घोषणा की | Image: PTI

Dope Test: भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) ने डोपिंग के बढ़ते मामलों से निपटने को लेकर नीतिगत बदलाव करते हुए खिलाड़ियों के बराबर कोच को भी सजा देने की घोषणा की है। इस नीतिगत बदलाव का मकसद कोच को डोपिंग के प्रति जवाबदेह बनाना है।

AFI को उम्मीद है कि ये स्वच्छ खेलों की संस्कृति बनाने में मददगार होगा और इससे ये संदेश भी जाएगा कि डोपिंग को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

AFI अध्यक्ष ने फैसले के बारे में बताया

AFI अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने शुक्रवार को AFI की कार्यकारी परिषद की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा- 

अगर कोई एथलीट डोपिंग में फेल पाया जाता है और उसे सजा दी जाती है तो उनके कोच को भी AFI से समान सजा मिलेगी। कोच भी उतना ही जिम्मेदार होगा, क्योंकि डोपिंग का ये पूरा मामला नियंत्रण से बाहर हो गया है। अब समय आ गया है कि ऐसे लोगों की पहचान की जाए और उन्हें शर्मिंदा किया जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। 

AFI के साथ पंजीकरण जरूरी

NIS डिप्लोमा धारकों सहित सभी कोचों को AFI के साथ पंजीकरण करना होगा। खिलाड़ियों को अपने डोप फॉर्म भरते समय अपने कोच का नाम बताना होगा। इस तरह ये स्पष्ट पहचान हो जाएगी कि कोच कौन है, जिससे एथलीट के सफल होने पर नकद पुरस्कार के लिए होने वाली मारामारी भी नहीं होगी।जब कोई एथलीट जीतता है तो कोच नकद पुरस्कार लेने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे में उन्हें खिलाड़ियों की गलती पर सजा के लिए तैयार रहना होगा। 

काफी समय से चल रहा था विचार

AFI 6 महीने से इस नीति पर विचार कर रहा था और विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा कर रहा था। ये फैसला विभिन्न स्तरों पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। खिलाड़ियों से जुड़े डोपिंग मामले में जिस कोच को दोषी पाया जाएगा, उसे स्टेडियम में प्रवेश करने या किसी भी टीम के साथ की मंजूरी नहीं होगी। 

डिजिटल प्रमाणपत्रों की भी पहल

AFI ने इसके साथ ही प्रमाणपत्रों को डिजिटल बनाने का भी फैसला लिया है। योग्यता प्रमाणपत्र इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय की प्रमुख पहल- डिजीलॉकर पर अपलोड किए जाएंगे। सुमरिवाला ने कहा- 

हमने सभी प्रमाणपत्रों के डिजिटलीकरण का फैसला किया है। हमें फर्जी प्रमाणपत्रों के बहुत सारे मुद्दे मिल रहे हैं। लोग जाली प्रमाणपत्र बना रहे हैं। किसी और के प्रमाणपत्र पर नाम बदल कर नौकरी, पदोन्नति लेने की कोशिश कर रहे है। सरकार हमसे पूछती है कि क्या वो असली हैं। इस तरह सरकार के पास सभी प्रमाणपत्रों तक पहुंच होगी और वह सीधे जांच कर सकेंगे।

बता दें कि आगामी पेरिस ओलंपिक को लेकर भारतीय एथलीटों की तैयारियां तेज हैं और इस बीच AFI का ये फैसला काफी बड़ा है। 

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Published By : DINESH BEDI

पब्लिश्ड 17 May 2024 at 21:57 IST