अपडेटेड 21 August 2024 at 15:05 IST
युधिष्ठिर ने स्त्रियों को क्या श्राप दिया था? औरतों के पेट में इसलिए नहीं पचती कोई बात...
When did Yudhisthira curse Kunti? क्या आप जानते हैं युधिष्ठिर ने पूरे स्त्री समाज को श्राप क्यों दिया था। जानते हैं इसके बारे में...
What was Yudhishthira curse on Kunti? महाभारत काल में कई ऐसी जरूरी घटनाएं हुई थीं, जिनसे हमें सीखने को बहुत कुछ मिलता है। उन्हीं में से एक पात्र था युधिष्ठिर। पांडवों के सबसे बड़े पुत्र युधिष्ठिर न केवल मन के साफ थे बल्कि एक महान राजा भी थे। लेकिन एक बार युधिष्ठिर ने पूरे औरत समाज को श्राप दे दिया। आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया और इसके पीछे क्या राज था, इसके बारे में पता होना चाहिए।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि युधिष्ठिर ने नारी जाति को श्राप क्यों दिया था और धर्मराज युधिष्ठिर का श्राप क्या था? पढ़ते हैं आगे…
युधिष्ठिर ने क्यों दिया स्त्री जाति को श्राप? (why yudhisthira curse kunti)
महाभारत युद्ध 18 दिन चला। ऐसे में युद्ध के बाद जब रिश्तेदारों का तर्पण करने की बारी आई तो गंगा तट पर पांडव अपनी मां कुंती के साथ एक महीने तक रहे। ऐसे में जब कर्ण के तर्पण की बात आई तो युधिष्ठिर ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि ना तो कर्ण हमारा कोई रिश्तेदार था और ना ही कर्ण हमारा अपना।
ऐसे में हम इसका तर्पण नहीं करेंगे। परन्तु मां कुंति ने कहा कि तुम्हें ही करना होगा। पर वह उन्हें यह नहीं बता पा रही थीं कि कर्ण उनका ही भाई है। तब श्री कृष्ण इस दुविधा को समझ गए और उन्होंने उन्हें विश्वास दिलाया कि श्री कृष्ण उनके साथ हैं। तब माता कुंती ने अपने पुत्र को सत्य बताया और इस बात का बोध कराया कि कर्ण माता कुंती का ही पुत्र है।
उन्होंने यह भी बताया कि कर्ण सूर्य देव के आशीर्वाद से माता कुंती को प्राप्त हुआ था। लेकिन विवाह से पहले जन्म लेने के कारण कुंती ने उन्हें त्याग दिया था। यह सुनकर युधिष्ठिर को बेहद क्रोध आया और उन्होंने माता कुंती को श्राप दिया कि आज के बाद कभी भी कोई भी स्त्री अपने पेट में कोई भी बात नहीं छुपा पाएगी। हालांकि जब श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को शांत किया तो वह क्रोध को भूल गए। श्री कृष्ण ने यह भी कहां कि माता कुंती गंगा के समान पवित्र हैं बस उन्हें यह सब समय के कारण करना पड़ा। तब युधिष्ठिर ने माता से क्षमा मांगी और कर्ण का तर्पण पूरी विधि विधान से किया।
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Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 21 August 2024 at 15:04 IST