अपडेटेड 13 December 2024 at 20:39 IST
जब शिवजी ने धारण किया भिखारी का रूप, मां अन्नपूर्णा कोई और नहीं बल्कि...! पढ़ें कथा
Annapurna mata story: अन्नपूर्णा कौन सी देवी है? अन्नपूर्णा देवी की कहानी क्या है? जानते हैं इस लेख के माध्यम से...
Annapurna Mata story in Hindi: हर साल मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस दिन न केवल अन्नपूर्णा मां की पूजा की जाती है बल्कि रसोई में मीठा बनाया जाता है और उनका भोग लगाया जाता है। बता दें कि इस साल 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कौन-थी अन्नपूर्णा मैया और कैसे हुआ उनका जन्म? अन्नपूर्णा मौया को किसका रूप मानते हैं? अगर नहीं, तो आज का हमारा लेख आपके लिए है।
आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अन्नपूर्णा मां कौन हैं और उन्हें किस देवी का रूप मानते हैं। जानते हैं इस लेख में दी गई कथा के माध्यम से…
अन्नपूर्णा देवी की कहानी क्या है?
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार धरती बिना किसी कारण के बंजर हो गई। जिस कारण धान्य अन्न को उत्पन्न होने में दिक्कत आने लगी। लोगों के पास खाने पीने का सामान खत्म होने लगा, जिससे पृथ्वीवासियों में चिंता पैदा होने लगी। ऐसे में लोग परेशान होकर ब्रह्मा जी और हरि जी के पास पहुंचे और अपना पूरा दर्द बताया। फिर ब्रह्मा जी और हरि भगवान ने शिवजी को पूरी बात बताई। तब शिवजी ने पूरी गहराई के साथ पृथ्वी का निरीक्षण किया।
उसके बाद भगवान शिव ने भिखारी का रूप धारण किया और माता पार्वती ने अन्नपूर्णा मैया का रूप धारण किया। ऐसे में भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगकर सभी पृथ्वीवासियों में बांट दी। इससे अन्नपूर्णा मां और भगवान शिव ने पृथ्वीलोक की समस्याओं को दूर किया। साथ ही पृथ्वीवासियों को अन्न की कमी की समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ा। जिस दिन ये समस्या दूर हुई उस दिन मार्गशीर्ष की पूर्णिमा थी। ऐसे में इस दिन अन्नपूर्णा मैया की जयंती मनाई जाने लगी।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 13 December 2024 at 20:39 IST