अपडेटेड 22 October 2024 at 17:47 IST
Kartik Amavasya 2024 Date: कार्तिक माह की अमावस्या कब है? ये है सही डेट और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
Kartik Amavasya 2024 Date: कार्तिक माह की अमावस्या बेहद खास होती है, ऐसे में आइए जानते हैं यह कब है? इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है?
Kab Hai Kartik Amavasya 2024: हिंदू धर्म में कार्तिक माह (Kartik Maah) का बेहद खास महत्व माना जाता है। इस माह में दीपावली (Deepawali) से लेकर तुलसी जन्म और शालीग्राम विवाह जैसे कई महत्वपूर्ण पर्व पड़ते हैं, जो इस माह को और भी पावन और खास बनाते हैं। वहीं इस माह की पूर्णिमा (Kartik Purnima) ही नहीं बल्कि अमावस्या (Amavasya) भी बेहद खास होती है। इस दिन खास तौर पर स्नान-दान किया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि इस साल कार्तिक अमावस्या कब है (Kartik Amavasya Kab Hai)? और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है?
धार्मिक मान्यता के मुताबिक जगत के पालन हार श्रीहरि विष्णु (Bhagwan vishnu) इस माह में जल में वास करते हैं और 4 महीनों की योग निद्रा से जागते हैं। इसलिए कार्तिक में स्नान-दान (Snan Daan) का खास महत्व है। खासकर अमावस्या के दिन, तो चलिए जानते हैं कार्तिक अमावस्या की डेट (Kartik Amavasya Date 2024) क्या है और इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है?
कब है कार्तिक अमावस्या? (When is Kartik Amavasya?)
हिंदी पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की अमावस्या (Kartik Amavasya) गुरुवार 31 अक्टूबर, 2024 से लेकर शुक्रवार 1 नवंबर, 2024 को है। ऐसे में दोनों ही दिन आप स्नान-दान कर सकते हैं। स्कंद और भविष्य पुराण के मुताबिक कार्तिक महीने की अमावस्या (Kartik Amavasya) पर लक्ष्मी पूजन के अलावा पवित्र स्नान और दान से व्यक्ति के हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि इस स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है?
कार्तिक माह स्नान-दान शुभ मुहूर्त? (Auspicious time for Snan-Daan in Kartik month?)
हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ और धर्म-कर्म से जुड़े कामों को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। वहीं जब बात कार्तिक माह (Kartik 2024) की हो तो यह और भी जरूरी हो जाता है। पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर, 2024 की दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 1 नवंबर, 2024 की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी।
- स्नान-दान मुहूर्त (Snan-Daan Time)- सुबह 4 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 41 मिनट तक है।
- प्रदोष काल (Pradosh Kaal)- शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 11 मिनट तक है।
आपको बता दें कि कार्तिक अमावस्या के दिन ही दीपावली का खास त्योहार मनाया जाता है और इसी दिन माता तुलसी का जन्म भी हुआ था।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 22 October 2024 at 17:04 IST