अपडेटेड 5 November 2025 at 07:02 IST
कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर अयोध्या में आस्था का महासागर, पवित्र सरयू घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, जरूर करें इन चीजों का दान
भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या कार्तिक पूर्णिमा पर हमेशा ही आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाती है। सरयू घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। पुरुष, महिलाएं और बच्चे सरयू के शीतल जल में स्नान कर रहे हैं।
Kartika purnima 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है, इस ही देव दिवाली का भी पर्व मनाया जाता है। इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।
आज काशी और अयोध्या समेत तमाम धार्मिक स्थानों पर श्रद्धालु का भीड़ लगी हुई है। अयोध्या में सरयू नदी के पवित्र घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए और आस्था की डुबकी लगाकर पापों से मुक्ति की कामना की। अयोध्या का यह दृश्य किसी उत्सव से कम न था, जहां नदी किनारे रंग-बिरंगे परिधानों में सजे भक्तों की भीड़ ने सरयू मां की जयकारों से वातावरण गुंजायमान कर दिया।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा की पूर्णिमा की किरणें विशेष रूप से पवित्र मानी जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सरयू नदी में स्नान करने से सभी प्रकार के दोष नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अयोध्या में यह पर्व भगवान राम से जुड़ा होने के कारण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सरयू नदी भगवान विष्णु के नेत्रों से प्रकट हुई है।
इन चीजों का करें दान
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने का अवसर देता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान, स्नान और दीपदान सौ गुना फल देता है। कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी के किनारे दीप जलाना और उसका दान करना बेहद पुण्यकारी माना गया है।
अन्न का दान
कार्तिक पूर्णिमा पर गरीबों, जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को चावल, गेहूं, दाल या अन्य अनाज दान करना बहुत शुभ होता है। अन्नदान को सर्वोत्तम दान कहा गया है।
कपड़े का दान
पुराने या नए कपड़ों का दान कार्तिक पूर्णिमा पर बहुत शुभ होता है। इससे व्यक्ति के कर्म शुद्ध होते हैं और जीवन में नई सकारात्मक ऊर्जा आती है।
तिल और तेल
वास्तु और धर्म दोनों के अनुसार तिल और तेल का दान करने से शनि दोष और पितृदोष दूर होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा की रात किसी मंदिर या नदी तट पर तिल का दीप जलाना और उसका दान करना विशेष फलदायक होता है।
सोने या चांदी का दान
कार्तिक पूर्णिमा पर चांदी के सिक्के या सोने का दान करना भी शुभ माना जाता है। इससे धन की देवी मां लक्ष्मी खुश होती हैं।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 5 November 2025 at 06:51 IST