अपडेटेड 1 October 2024 at 23:32 IST
Akhand Jyoti Niyam: नवरात्रि की अखंड ज्योति नहीं करना चाहते खंडित? तो इन नियमों का जरूर करें पालन
Shardiya Navratri: बस दो दिन बाद से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। अगर आप भी अखंड ज्योति जलाने जा रहे हैं, तो कुछ नियमों का पालन जरूर करें।
Akhand jyoti ke niyam: हिंदू धर्म में बेहद खास माने जाने वाले शारदीय नवरात्रि के पर्व की धूम हर तरफ देखने को मिल रही है। गली-मोहल्लों से लेकर घरों तक में माता रानी की चौकी सजाने की तैयारी चल रही है। इस पावन पर्व को आने में अब बस एक दिन की दूरी और है। ऐसे में हर कोई इसकी तैयरी में जोर-शोर से जुटा हुआ है। पर्व के दौरान लोग माता पूरे विधि-विधान से माता रानी की पूजा अर्चना करते हैं और नौ दिन का उपवास रखते हैं। वहीं कई लोग अखंड ज्योति भी प्रज्वलित करते हैं। अगर आप भी अखंड ज्योति जलाने जा रहे हैं, तो इसके नियमों के बारे में जरूर जान लें।
दरअसल, नवरात्रि के दिनों में अखंड ज्योति प्रज्वलित करना बहुत ही खास माना जाता है। मान्यता है कि इसके बिना पूजा की शुरुआत अधूरी मानी जाती है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद अखंड ज्योति जलानी चाहिए। अगर आप पहली बार अखंड ज्योत जलाने जा रहे हैं, तो इसके नियमों के बारे में जरूर जान लें, नहीं तो आपकी उपासना खंडित हो सकती है।
क्या है अखंड ज्योति जलाने के नियम?
- शारदीय नवरात्रि पर अगर आप घर पर ही माता रानी की प्रतिमा स्थापित करके पूजा करने वाले हैं, तो अखंड ज्योति का दीपक घी, सरसों का तेल या फिर तिल के तेल से ही जलाएं।
- अगर आप अखंड ज्योति में घी का तेल डाल रहे हैं, तो उसे मां दुर्गा की मूर्ति के दाहिने तरफ रखें। अगर सरसों या तिल के तेल का दीपक है तो बाई तरफ रखें।
- दीपक को रखते समय ध्यान रखें कि दीपक उड़द दाल, चावल या फिर काले तिल के ही ऊपर ही रखा हो। साथ ही ज्योति की लौ उत्तर, पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में हो। भूलकर भी दक्षिण दिशा में दीया न रखें।
- नवरात्रि के पहले दिन जलाया जाने वाला अखंड ज्योत पूरे नौ दिनों तक जलते रहना चाहिए। ऐसे में इसमें घी और तेल पर्याप्त मात्रा में डालते रहे और ध्यान रखें की दीपक बुझने न पाए।
- अगर आपका अखंड ज्योति का दीपक 9 दिनों के अंदर बुझ जाए, तो मां दुर्गा से मांफी मांगकर दोबारा दीपक को जला सकते हैं।
- नवरात्रि के नौ दिनों के बाद भी दीया जलती रहे तो इसे फूंक मारकर बुझाने की गलती न करें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसलिए दीये को स्वयं ही बुझने दें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 1 October 2024 at 23:32 IST