अपडेटेड 29 September 2024 at 19:48 IST

Shardiya Navratri 2024: कलश स्थापना के साथ 3 अक्टूबर से होगा नवरात्रि का शुभारंभ, जानें शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri: हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाने वाला शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। आइए जानते हैं इस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है?

कलश स्थापना मुहूर्त | Image: facebook/freepik

Shardiya navratri kalash sthapana muhurat: मां दुर्गा के भक्तों के लिए नवरात्रि (navratri) का पर्व बहुत ही खास और महत्वपूर्ण होता है। वहीं बात अगर शारदीय नवरात्रि की हो तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के पावन पर्व पर भक्त माता रानी के नौ रूपों की विधिवत पूजा-अर्चना और उपासना करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri) कब से कब तक है और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है?

हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने वाली शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri) इस साल 3 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार से शुरू हो रहा है, जिसका समापन 11 अक्टूबर 2024 दिन शुक्रवार को नवमी तिथि पर होगा। वहीं इसके अगले दिन 12 अक्टूबर दिन शनिवार को विजयादशमी (vijayadashami) का पर्व मनाया जाता है, जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है? (kalash sthapana muhurat)

3 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri date) की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना से की जाती है। शास्त्रों के मुताबिक घट स्थापना शुभ मुहूर्त में करना ही फलदायी होता है। ऐसे में इस बार कलश स्थापना के लिए आपको दो शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं।

पहला शुभ मुहूर्त- 3 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक है। सुबह में घट स्थापना के लिए आपको 1 घंटा 6 मिनट का समय मिलेगा।
दूसरा शुभ मुहूर्त- 3 अक्टूबर की दोपहर में अभिजीत मुहूर्त है। यह बहुत ही शुभ माना जाता है। यह सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस बीच कभी भी कलश स्थापना कर सकते हैं। दोपहर में आपको 47 मिनट का शुभ समय मिलेगा।

नवरात्रि में मां दुर्गा के इन नौ रूपों की होती है पूजा (maa durga ke kaun kaun se nav roop hai)

नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिसमें 1. शैलपुत्री, 2. ब्रह्मचारिणी, 3. चंद्रघंटा, 4. कुष्मांडा, 5. स्कंदतामा, 6. कात्यायनी, 7. मां कालरात्रि, 8. महागौरी व 9. सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। 

यह भी पढ़ें… Tirupati Temple:लोग चढ़ाते हैं बाल, मंदिर को होती है करोड़ों की कमाई; जानिए बालाजी के खजाने की कहानी
 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 29 September 2024 at 19:48 IST