अपडेटेड 5 October 2024 at 07:42 IST
Navratri 3rd Day: तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानिए मुहूर्त, भोग और पूजन विधि
Maa Chandraghanta Puja: नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के देवी के स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं मां की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
Maa Chandraghanta Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो चुकी है। देशभर में नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव की धूम हैं। कई मंदिर-पंडालों और घरों में पूरे नौ दिनों तक विधि-विधान के साथ मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति नवरात्रि के दिनों में उपवास कर नौ दिनों तक आस्था के साथ मां की पूजा करता है तो मां दुर्गा उससे प्रसन्न होकर उस पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं।
नवरात्रि के पहले दिन जहां मां दुर्गा के रूप शैलपुत्री और दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। वहीं, आज यानी नवरात्रि के तीसरे दिन मां के स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। सिंह (शेर) की सवारी करने वाली मां चंद्रघंटा की दस भुजाएं होती हैं। मां के एक तरफ जहां कमल और कमंडल होता है वहीं उनकी दूसरी ओर शत्रुओं के नाश के लिए त्रिशूल, गदा और खड्ग जैसे अस्त्र होते हैं। माता के माथे पर अर्ध चंद्र बना होता है।
मां चंद्रघंटा की पूजा का मुहूर्त (Maa Chandraghanta 2024 Puja Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त में मां चंद्रघंटा की पूजा सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक की जाएगी। इसके साथ ही अमृत काल में सुबह 11 बजकर 41 मिनट से दोपहर 01 बजकर 29 मिनट तक पूजा की जा सकती है। इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त में शाम 06 बजकर 02 मिनट से 06 बजकर 27 मिनट तक मां चंद्रघंटा की पूजा की जा सकती है।
मां चंद्रघंटा की पूजा भोग (Maa Chandraghanta Puja Bhog)
मां चंद्रघंटा को दूध से बनी सफेद चीजों का भोग बेहद प्रिय है इसलिए उन्हें आज के दिन पेड़े का भोग लगाएं।
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (Maa Chandraghanta Puja Vidhi)
- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वस्छ कपड़े पहनें।
- इसके बाद मंदिर के पास आसन बिछाएं और उसपर बैठकर मां चंद्रघंटा का ध्यान करें।
- मां चंद्रघंटा की तस्वीर या मूर्ति पर फूल, अक्षत, चंदन आदि अर्पित करें।
- चंदन से मां के माथे पर अर्ध चंद्र तिलक जरूर लगाएं।
- मां के सामने घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करें।
- अब माता को पेड़े का भोग लगाएं।
- मां की पूजा करते समय 'ऊं देवी चंद्रघण्टायै नम:' के मंत्र का जाप जरूर करें।
- पूजा के समय शंख और घंटी जरूर बजाएं, इससे माता प्रसन्न होकर आपकी हर मनोकामना पूरी करेंगी।
मां चंद्रघंटा के मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra)
"पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्मम् चंद्रघण्टेति विश्रुता।।"
"ऊं देवी चंद्रघण्टायै नम:।"
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 5 October 2024 at 07:42 IST