अपडेटेड 6 April 2024 at 09:24 IST

Pradosh Vrat 2024: शनि प्रदोष व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Pradosh Vrat 2024: अगर आप आज प्रदोष व्रत करने जा रहे हैं तो आपको पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में जान लेना चाहिए।

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Odisha Gears Up for Grand Inauguration of 123-Foot-Tall Shiva Statue This Mahashivratri | Image: PTI/Representative

Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धाभाव से प्रदोष व्रत करता है उस पर भोलेनाथ की कृपा हमेशा बनी रहती है।

मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती हैं। वहीं, आज यानी शनिवार, 6 अप्रैल को इस माह का पहला प्रदोष व्रत है। जिसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है।

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ आज यानी 6 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर होगा जो अगले दिन यानी 7 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगा। चूंकि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है, इसलिए आज ही प्रदोष व्रत रखा जा रहा है।

प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त  (Pradosh Vrat Muhurat)

प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है। इसलिए आज यानी शनिवार, 6 अप्रैल के दिन शिवजी की प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 42 मिनट से रात 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
  • इसके बाद स्वच्छ या नए कपड़े पहनें।
  • भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • अब घर में मंदिर की साफ-सफाई करके एक चौकी स्थापित करें।
  • इस चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर शिव जी की मूर्ति की स्थापना करें।
  • इसके बाद शिव जी की पूजा करें और बाहर मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
  • अब प्रदोष काल मुहूर्त के समय विधिवत अनुसार भगवान शिव की पूजा करें और प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें।
  • इसके बाद शिवजी के बीज मंत्र 'ऊँ नमः शिवाय' का 108 बार जाप करें।
  • शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में शिव-गौरी समेत सभी देव-देवताओं की आरती उतारें और उनका आशीर्वाद लें। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 6 April 2024 at 07:46 IST