अपडेटेड 15 February 2024 at 11:44 IST

Pradosh Vrat: फरवरी में इस दिन रखा जाएगा महीने का दूसरा प्रदोष व्रत, नोट करें डेट और शिव पूजन विधि

Pradosh Vrat 2024: इस महीने दूसरा प्रदोष व्रत किस तारीख को रखा जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या होगी? आइए जानते हैं इस बारे में।

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फरवरी 2024 का दूसरा प्रदोष व्रत कब | Image: shutterstock

Pradosh Vrat 2024: साल 2024 का दूसरे महीने फरवरी का पहला प्रदोष व्रत 7 तारीख को रखा गया था। जिसके बाद अब शिव भक्त ये जानने के लिए उत्साहित हैं कि इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत किस दिन रखा जाने वाला है। पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है।

माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन पूरे श्रद्धाभाव से भगवान शिव की पूजा की जाए तो भगवान भक्त को आरोग्य होने का वरदान देते हैं। इतना ही नहीं वह व्यक्ति के जीवन के सभी दुख और कष्टों का नाश भी कर देते हैं। ऐसे में अगर आप भी प्रदोष व्रत करने के बारे में सोच रहे हैं तो चलिए जानते हैं कि फरवरी का दूसरा प्रदोष व्रत किस तारीख को रखा जाएगा।

फरवरी में इस दिन रखा जाएगा दूसरा प्रदोष व्रत

फरवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत 21 तारीख को रखा जाएगा। इस दिन त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 21 फरवरी सुबह 11 बजकर 28 मिनट पर हो रही है जिसका समापन अगले दिन 22 फरवरी को 1 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा। वहीं, इस दिन बुधवार होने की वजह से इस बुध प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

बात करें प्रदोष व्रत की पूजा के शुभ मुहूर्त की तो 21 फरवरी की शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात 8 बजकर 53 मिनट के बीच पूजा करना शुभ रहेगा। चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना लाभकारी होता है इसलिए ये समय पूजा के लिए सबसे सही रहेगा।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  • शाम के समय पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • फिर भगवान शिव और माता पार्वती समेत उनके पूरे परिवार और अन्य देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें।
  • इसके बाद संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं।
  • अब शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
  • भगवान शिव को घी और चीनी से मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं।
  • पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
  • इसके बाद घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें।
  • आखिर में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद भगवान से क्षमा आदि मांगकर जो भी विनती आपको करनी है वह करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 15 February 2024 at 11:40 IST