अपडेटेड 19 December 2025 at 11:27 IST
Panchak Kaal December 2025: कब से कब तक है पंचक काल? इस दौरान भूलकर भी न करें ये काम, वरना घर में आएगी दरिद्रता
Panchak Kaal December 2025: पंचक काल में कुछ विशेष कार्यों को अशुभ माना गया है। इस दौरान लकड़ी इकट्ठा करना, अंतिम संस्कार, बाल कटवाना और यात्रा करना वर्जित होता है। जानें किन कार्यों से बचना है जरूरी? पंचक काल में क्या न करें, कारण और उपाय।
Panchak Kaal December 2025 Date And Time: हिंदू धर्म में पंचक काल को विशेष माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक के समय कुछ शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। माना जाता है कि इस दौरान किए गए कुछ काम जीवन में परेशानियां, धन हानि और पारिवारिक कलह का कारण बन सकते हैं।
दिसंबर 2025 में पंचक कब से कब तक है?
दिसंबर महीने में पंचक की शुरुआत 24 दिसंबर 2025 (बुधवार) से होगी और इसका समापन 29 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 41 मिनट पर होगा।
चूंकि पंचक की शुरुआत बुधवार को हो रही है, इसलिए इसे राज पंचक कहा जाएगा।
पंचक कैसे बनता है?
ज्योतिष के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से लेकर शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के सभी चरणों में भ्रमण करता है, तब पंचक काल लगता है।
इन पांच नक्षत्रों से चंद्रमा को गुजरने में लगभग पांच दिन लगते हैं, इसलिए इसे पंचक कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में भी गोचर करता है।
पंचक में कौन-से काम नहीं करने चाहिए?
पंचक को आमतौर पर अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान नीचे दिए गए काम करने से बचना चाहिए-
चारपाई या पलंग बनवाना
पंचक काल में पलंग या चारपाई बनवाना शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि इससे परिवार में तनाव, बीमारी और कलह बढ़ सकती है।
घास, लकड़ी या ज्वलनशील चीजों का संग्रह
इस समय घास, लकड़ी या अन्य जलने वाली वस्तुओं को इकट्ठा करना अशुभ माना गया है। ऐसा करने से भविष्य के काम अटक सकते हैं।
दक्षिण दिशा की यात्रा
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इससे यात्रा में बाधाएं और परेशानियां आ सकती हैं।
घर की छत बनवाना
पंचक काल में घर की छत का निर्माण करवाना भी वर्जित माना जाता है। इससे पारिवारिक कलह और आर्थिक नुकसान की आशंका रहती है।
शय्या यानी बिस्तर का निर्माण
शास्त्रों के अनुसार, पंचक में बिस्तर बनवाना भी शुभ नहीं होता है। वहीं अगर किसी व्यक्ति का निधन पंचक काल में हो जाए, तो धार्मिक मान्यता के अनुसार मृतक के साथ आटे या कुश से बने पांच पुतले रखे जाते हैं, ताकि दोष का प्रभाव समाप्त हो सके।
पंचक काल में सावधानी बरतना बहुत जरूरी माना जाता है। अगर इन दिनों में जरूरी काम टाले जा सकें, तो ऐसा करना बेहतर होता है। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Samridhi Breja
पब्लिश्ड 19 December 2025 at 11:27 IST