अपडेटेड 30 September 2025 at 07:27 IST

Navratri Ashtami 2025: अष्टमी पर ऐसे करें मां महागौरी की आराधना, जानें मंत्र, आरती और विशेष उपाय

Navratri Ashtami 2025: नवरात्री 2025 की महाअष्टमी को मां महीगौरी की ऐसे करें आराधना। आइए आपको बताते हैं इस दिन जाप करने वाले सबसे प्रसिद्ध मंत्र और की जाने वाली आरती।

Navratri Ashtami 2025 | Image: freepik

Navratri Ashtami 2025: नवरात्रि 2025 की महाअष्टमी तिथि 30 सितंबर को मनाई जा रही है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा को खास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां महागौरी की आराधना से पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ लाइफ में सुख-समृद्धी और शांति का प्रवेश होता है। आइए जानते हैं कि अष्टमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और आरती के बारे में…

महाअष्टमी का क्या होता है महत्व?

नवरात्रि का आठवां दिन को महाअष्टमी कहा जाता है। इस दिन मां महागौरी की पूजा करने से मेंटल पीस, अच्छी हेल्थ, सुख-समृद्धी प्राप्त होती है। माता का स्वरूप शांती, दया और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भक्त मानते हैं कि महाअष्टमी की पूजा से इच्छित फल की प्राप्ति होती है और जीवन की हर तरीके की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

पूजा विधि के बारे में

  • सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ कपड़े पहनें। 
  • मां महागौरी की प्रतिमा या फोटो को गंगाजल से स्नान कराएं।\
  • उन्हें सफेद फूल, रोली और कुमकुम अर्पित करें।
  • भोग में मिठाई, फल, नारियल और पंचमेवा शामिल करें।
  • कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराकर सम्मान दें।
  • आखिरी में आरती और मंत्रजाप कर मां का आशीर्वाद प्राप्त करें।

क्या है शुभ मुहूर्त और उपाय

महाअष्टमी के दिन गुलाबी या सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। कन्याओं का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। वहीं, नारियल और पंचमेवा का भोग लगाने से परिवार में प्यार और सहयोग बढ़ता है।

महाअष्टमी के दिन जाप करने वाला मुख्य मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

आरती

महागौरी की आरती

जय महागौरी जगत की माया ।

जय उमा भवानी जय महामाया ॥

हरिद्वार कनखल के पासा ।

महागौरी तेरा वहा निवास ॥

चंदेर्काली और ममता अम्बे

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥

भीमा देवी विमला माता

कोशकी देवी जग विखियाता ॥

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥

सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया

उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥

बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥

तभी मां ने महागौरी नाम पाया

शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता

माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥

'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो

महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो ॥

कन्या पूजन का महत्व

महाअष्टमी के दिन कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर भोजन कराना अत्यंत शुभ है। मान्यता है कि इससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है, विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में शांति स्थापित होती है।

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Published By : Kirti Soni

पब्लिश्ड 30 September 2025 at 07:27 IST