अपडेटेड 14 July 2024 at 11:24 IST

Jagannath Temple: हैरान कर देंगे जगन्नाथ धाम मंदिर से जुड़े ये बड़े रहस्य, विश्वास करना होगा मुश्किल

Jagannath Puri Mandir Mystery: आइए जानते हैं पुरी के जगन्नाथ मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे अनसुलझे रहस्य जो आपको हैरान कर देंगे।

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जगन्नाथ पुरी मंदिर | Image: X

Jagannath Puri Mandir: ओडिशा के पुरी में स्थित 12वीं शताब्दी में बना जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक है। इस मंदिर के अंदर स्थित रत्न भंडार काफी चर्चा में है। हालांकि इस रत्न भंडार के दो हिस्से हैं। जिनमें से बाहरी हिस्सा तो खुला है लेकिन भीतर का हिस्सा बंद होने के कारण एक रहस्य बन चुका है। जिसे आज खोला जा रहा है।

वहीं, इस मंदिर को लेकर कई सारी ऐसी बाते हैं जो रहस्यमयी है। माना जाता है कि ये पौराणिक मंदिर काफी पुराना है। इस मंदिर से जुड़ी कई बातें और इतिहास आपको हैरान कर देंगे। इतना ही नहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों में आज भी भगवान श्रीकृष्ण का दिल धड़कता है। ये बात अपने आप में एक तरह का रहस्य है।

इसी तरह से कई और भी ऐसे रहस्या है जो जगन्नाथ मंदिर को खास बनाते हैं। आइए जानते हैं जगन्नाथ मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में जिन्हें जानकार आपको भी हैरानी हो जाएगी।

जगन्नाथ पुरी मंदिर के रहस्य (Mysteries of Jagannath Puri Temple)

  • मान्यता के अनुसार, पुरी के जगन्नाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 214 फीट है, बावजूद इसके पशु-पक्षियों की परछाई इस मंदिर के शिखर पर नजर नहीं आती है, जो कि काफी हैरान करने वाली बात है।
  • जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से न ही कभी कोई हवाई जहाज गुजरता है और न ही इसके ऊपर कोई पक्षी ही उड़ान भरता है। इतना ही नहीं मंदिर के शिखर तक पर कोई पक्षी नहीं बैठता है जो कि काफी रहस्यमयी है। ऐसा भारत में मौजूद किसी अन्य मंदिर में कभी नहीं देखा गया है।
  • जगन्नाथ मंदिर में भक्तों के लिए तैयार किए जाने वाला प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता है। चाहे भक्त हजारों की संख्या में हों या लाखों की गिनती में हों, हर भक्त को जगन्नाथ भगवान का प्रसाद मिलता है। हालांकि मंदिर का द्वार बंद होते ही अचानक से सारा प्रसाद खत्म हो जाता है। जो कि एक रहस्या है।
  • इस मंदिर में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तनों को एक के ऊपर एक क्रम में रखा जाता है। हैरानी की बात ये है कि सबसे निचले बर्तन के मुकाबले सबसे ऊपर रखे बर्तन का प्रसाद सबसे पहले पकता है और फिर ऊपर से नीचे की तरफ आते हुए बर्तनों का प्रसाद पकता है। ये काफी हैरान करने वाली बात है।
  • इसके अलावा, मंदिर के पास समुद्र होने के बावजूद समुद्र की लहरों की आवाज मंदिर के अंदर मौजूद किसी भी व्यक्ति को सुनाई नहीं देती है, जबकि मंदिर से एक कदम बाहर निकालते ही तुरंत समुद्र की आवाज कानों में स्पष्ट सुनाई देती है। ये किसी चमत्कार से कम नहीं है।
  • वहीं, जगन्नाथ मंदिर में हर 12 साल के अंदर भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा समेत तीनों मूर्तियों को बदलकर इसकी जगह नई मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। हालांकि मूर्तियों की स्थापना के दौरान शहर की बिजली काट दी जाती है और मंदिर के बाहर सुरक्षा  बढ़ा दी जाती है। मूर्ति बदलने की इस प्रक्रिया के दौरान सिर्फ पुजारी को ही मंदिर के भीतर होने की अनुमति होती है।
  • कहा जाता है कि मंदिर में दिन के समय हवा समुद्र से जमीन की ओर और शाम के समय हवा जमीन से समुद्र की ओर चलती है। वहीं, मंदिर के ऊपर लगा झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 14 July 2024 at 11:24 IST