अपडेटेड 25 January 2024 at 15:09 IST
Mauni Amavasya 2024: इस साल कब है मौनी अमावस्या? जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Mauni Amavasya 2024: अगर आप मौनी अमावस्या का व्रत करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इसकी तारीख शुभ मुहूर्त आदि के बारे में जान लेना चाहिए।
Mauni Amavasya: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसे मौनी अमावस्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग मौन व्रत करके भगवान विष्णु की अराधना करते हैं। इतना ही नहीं इस दिन मौन व्रत करने के साथ-साथ स्नान-ध्यान की परंपरा भी है।
मौनी अमावस्या के दिन जो लोग गंगा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सरस्वती और नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसे में अगर आप भी मौनी अमावस्या का व्रत करने जा रहे हैं तो आपको इसकी तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जान लेना चाहिए।
मौनी अमावस्या की तारीख
पंचांग के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या 9 फरवरी की पड़ रही है। इस दिन आप मौन व्रत कर भगवान विष्णु का ध्यान और पूजा कर सकते हैं। साथ ही आप किसी नदी में स्नान भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं अब मौनी अमावस्या के शुभ मुहूर्त के बारे में।
शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या 09 फरवरी को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी जो अगले दिन यानी 10 जनवरी को सुबह सूर्योदय से पहले 04 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में आप इस शुभ समय के बीच विष्णु पूजन व स्नान कर सकते हैं।
शुभ योग
मौनी अमावस्या के दिन शुभ योग भी पड़ रहा है। पंचांग के अनुसार 9 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ये योग सुबह 07 बजकर 05 मिनट से देर रात 11 बजकर 29 मिनट तक है। ऐसे में भक्त प्रातः काल में स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य जैसे शुभ कार्य कर सकते हैं।
पूजा विधि
- मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- मौनी अमावस्या पर बोलना वर्जित होता है। इसलिए सुबह उठते ही मौन व्रत धारण करें।
- सुबह गंगा नदी आदि में स्नान करें और अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो आप घर में पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।
- अब सर्वप्रथम भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को जल का अर्घ्य दें।
- अब भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति को घर के मंदिर में स्थापित कर उनकी पूजा पूरे विधि-विधान से करें।
- इस समय विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्रों का जाप जरूर करें।
- पूजा-पाठ, दान-पुण्य करने के बाद आप मौन व्रत खोल सकते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 25 January 2024 at 08:19 IST